बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत खुले तौर पर अपनी राय रखने के लिए पहचानी जाती हैं. उन्होंने तमाम मुद्दों से लेकर हाल में चली #MeToo मुहिम पर भी अपनी राय रखी.
इस कैंपेन में लगे आरोप के बाद निर्देशक विकास बहल, साजिद खान, मुकेश छाबड़ा, नाना पाटेकर और सुभाष कपूर से उनका काम छीन लिया गया है. अभिनेत्री कंगना रनौत शुरू से ही #MeToo अभियान का खुलकर समर्थन कर रही हैं.
आने वाली फ़िल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झाँसी की शूटिंग ख़त्म करने के बाद उन्होंने एक पार्टी रखी जहां कंगना ने दिखाया की उनका जीवन एक संघर्ष है, उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी हर वक़्त संघर्ष ही किया है.
‘मेरी जैसी ज़िंदगी किसी की न हो’
कंगना का मानना है कि रानी लक्ष्मीबाई की ज़िन्दगी में बहुत संघर्ष था और बिलकुल वैसा ही कंगना की ज़िन्दगी में भी होता आया है.
कंगना ने कहा , "मैं बिल्कुल नहीं चाहती कि ऐसी ज़िन्दगी किसी को भी जीनी पड़ी और मैं अपने बच्चों को भी ऐसी संघर्ष भरी ज़िन्दगी नहीं जीने देना चाहती. मुझे लगता है कि जबसे मैं पैदा हुई हूँ मुझे हर चीज़ के लिए लड़ना पड़ा है. इस तरीके से रानी लक्ष्मीबाई और मैं एक दम समान हैं."
एक्ट्रेस कंगना रनौत ने कभी कहा था कि उन्हें इंडस्ट्री में किसी ख़ान (शाहरुख, सलमान या आमिर) की ज़रूरत नहीं है. वो किसी स्टार के पीछे खड़ी होकर शोहरत हासिल नहीं करना चाहतीं.
फ़िलहाल तो कंगना के पास काम की कमी नहीं है. किसी भी ए लिस्टर की तरह उनके पास 3-4 फ़िल्में हैं. मणिकर्णिका के बाद वो राजकुमार राव के साथ ‘मेंटल है क्या’ नाम की फ़िल्म कर रही हैं. इसके अलावा उनके पास डायरेक्टर अश्विनी अय्यर तिवारी की भी एक फ़िल्म है जिसमें वो एक कबड्डी प्लेयर बनी हैं.
‘मणिकर्णिका’ और विवाद
फ़िल्म ‘मणिकर्णिका’ की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर क्रिश को साउथ में अपने दूसरे प्रोजेक्ट के लिए ‘मणिकर्णिका’ की शूटिंग से ब्रेक लेना पड़ा. उन्होंने तेलुगू सुपरस्टार और राजनेता एन.टी. रामा राव की बायोपिक के लिए इस फ़िल्म से ब्रेक लिया.
इसी दौरान सोनू सूद ने फ़िल्म छोड़ने का एलान कर दिया. सोनू सूद इस फ़िल्म में सदाशिवराव भाऊ का किरदार निभा रहे थे जो रानी लक्ष्मीबाई की सेना के सरदार सेनापति थे. सोनू सूद के फ़िल्म छोड़ने के बाद कंगना ने आरोप लगाया कि सोनू शायद महिला के निर्देशन में काम नहीं करना चाहते.
विवादों से ख़तरे में ‘क्वीन’ कंगना का करियर?
कंगना की ‘मणिकर्णिका’ रिलीज़ से पहले विवादों में क्यों
इस पर अपनी सफ़ाई देते हुए सोनू सूद ने कहा था, ‘यहां बात महिला या पुरुष डायरेक्टर की नहीं है, बात योग्यता की है.’
मणिकर्णिका के निर्देशक कृष के किन्हीं वजहों से फ़िल्म छोड़ने के बाद इसके कुछ हिस्सों को निर्देशित करने की ज़िम्मेदारी कंगना उठा रही हैं.
फ़िल्म ‘मणिकर्णिका’ की शूटिंग बनारस, जयपुर, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हुई है. फ़िल्म 2019 में रिलीज़ होगी. वैसे झाँसी की रानी पर पहले भी फ़िल्में बन चुकी हैं . एक फ़िल्म 1953 में आई थी जिसमें अभिनेत्री महताब ने झाँसी की रानी का किरदार निभाया था.
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