धनबाद : पहलगाम की आंतकी घटना का खौफनाक मंजर को जम्मू कश्मीर से जिंदा वापस लौटे लोग याद कर कांप जाते हैं. भले ही झारखंड के कोई भी लोग उस हमले का शिकार नहीं हुए लेकिन वहां से लौटे लोग उस दृश्य को याद कर कांप जाते हैं. सुरक्षित वापस लौटने वालों में धनबाद के सज्जन गोयल भी थे. वह उस पल को याद कर कहते हैं कि दोबारा कश्मीर कभी नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि वे उस वक्त अपने परिवार और मित्रों के साथ साथ कश्मीर की हसीन वादियों में छट्टियां मनाने गये थे. लेकिन उस भयानक मंजर को देखकर वे डरे सहमे अपने परिवार के साथ धनबाद लौट आए.
घटनास्थल से महज 8 किलोमीटर दूर थे तभी चल गया था पता
सज्जन गोयल कहते हैं कि घटना के वक्त वे अपने परिवार और मित्रों के साथ ”मिनी स्वीटजरलैंड” से महज आठ किलोमीटर दूर थे. वे अपनी गाड़ी से कहीं निकल रहे थे. तभी अचानक से अफरा तफरी मच गयी. उनके ड्राइवर को एक फोन आया उसके बाद उसने सभी को हमले की खबर दी, तो एक पल के लिए सब कुछ सुन्न हो गया. सभी को जान बचानी थी, सो बिना कुछ सोचे-समझे वे तुरंत श्रीनगर एयरपोर्ट के लिए निकल पड़. पूरे रास्ते वे बस भगवान को याद कर रहे थे.
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बार बार घटनास्थल पर मौजूद लोगों के बारे सोच रहे थे सज्जन गोयल
सज्जन गोयल आगे कहते हैं कि श्रीनगर एयरपोर्ट वे जब अपनी फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे, तब उनका दिल जोर‐जोर से धड़क रहा था. बार बार उस जगह का ख्याल दिमाग में आ रहा था. जहां हमला हुआ है. साथ ही दिल में उन लोग का भी खयाल आ रहा था. जो उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद थे.
सभी के चेहरे पर झलक रही थी दहशत
सज्जन गोयल ने कहा कि वे अपने परिवार के साथ फ्लाइट में इन सभी चीजों को सोचते हुए बैठे और दिल्ली पहुंचे. उस वक्त उनके साथ अजय चौधरी, दीपक भुवानिया, प्रदीप अग्रवाल और एक बच्चा भी था. वे बताते हैं कि सबके चेहरे पर दहशत साफ झलक रही थी.
दिल्ली में दोस्त ने दिया सहारा
दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सज्जन गोयल ने अपने दोस्त अजय का हाथ कसकर पकड़ लिया. वे बताते हैं कि उनका पूरा शरीर कांप रहा था. वे बस मन मन ही मन एक बत कह रहे थे कि दोबारा कश्मीर नहीं जाएंगे.
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