Mobile Chargers: जब भी आप आपने मोबाइल का चार्ज करने जाते हैं तो क्या कभी आपने नोटिस किया कि उसमें सिर्फ 2 पिन ही क्यों होती हैं. जबकि लैपटॉप, कंप्यूटर या माइक्रोवेव जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान के प्लग में 3 पिन दी जाती हैं. आखिर ऐसा क्यों? असल में चार्जर और बाकी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की पिन्स का सीधा कनेक्शन बिजली की सप्लाई से होता है.
घर में इस्तेमाल होने वाले पंखे, टीवी, फ्रिज जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान और छोटे चार्जर के प्लग अलग-अलग डिजाइन किए जाते हैं. मोबाइल चार्जर (Mobile Chargers) में सिर्फ 2 पिन होना बिजली की जरूरत, सुरक्षा और आसानी से इस्तेमाल करने की वजह से होता है.
मोबाइल चार्जर चलाने के लिए बस फेज और न्यूट्रल तार की जरूरत होती है. AC सप्लाई में तीन तार होते हैं– फेज (लाइव), न्यूट्रल और अर्थ (ग्राउंड). लेकिन चार्जर को काम करने के लिए सिर्फ दो ही चाहिए, इसलिए उसमें 2 पिन दिए जाते हैं. और भी कई कारण होते हैं, आइए आपको एक-एक कर बताते हैं.
लो-पावर डिवाइस है मोबाइल चार्जर
मोबाइल चार्जर (Mobile Chargers) को बहुत कम बिजली चाहिए होती है, जैसे 5W से लेकर 65W या 120W तक. इतनी कम पावर के लिए तीसरी पिन (अर्थिंग) की जरूरत नहीं होती. अर्थिंग आमतौर पर बड़े-बड़े डिवाइस जैसे गीजर, फ्रिज या वॉशिंग मशीन में दी जाती है, क्योंकि उनमें करंट लीकेज या झटका लगने के चांस ज्यादा रहता है.
जैसे छोटा बल्ब या पंखा भी 2 पिन वाले प्लग से आसानी से चल जाता है. लेकिन लैपटॉप चार्जर ज्यादा बिजली खाता है और लंबे समय तक इस्तेमाल होता है, इसलिए उसमें अर्थिंग पिन दी जाती है ताकि अगर करंट लीकेज हो तो शॉक न लगे.
सेफ्टी डिजाइन
मोबाइल चार्जर (Mobile Chargers) में पहले से ही ऐसा सेफ्टी सिस्टम लगा होता है जो ओवर-वोल्टेज, ज्यादा करंट या शॉर्ट सर्किट से हमें बचाता है. इसी वजह से बिना अर्थ पिन के भी मोबिए चार्जर इस्तेमाल करना सेफ रहता है.
साइज छोटा रखने के लिए
साइज छोटा रखने के लिए 2-पिन वाला चार्जर हल्का और कॉम्पैक्ट रहता है. अगर तीसरा पिन जोड़ दिया जाए तो चार्जर बड़ा और भारी हो जाएगा, जबकि उसकी जरूरत भी नहीं है.
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