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Gen-Z ने Discord पर चुना प्रधानमंत्री, ऐप बना डिजिटल संसद, सुशीला कार्की को सौंपी सत्ता

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद Gen-Z ने Discord ऐप पर वोटिंग कर सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री चुना. जानिए कैसे काम करता है Discord और क्यों बना यह आंदोलन का डिजिटल मंच

नेपाल में हाल ही में जो हुआ, वह इतिहास में पहली बार देखा गया. देश की सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया किसी पारंपरिक संसद या चुनावी मंच पर नहीं, बल्कि एक सोशल मीडिया ऐप पर हुई. Gen-Z ने Discord पर एक सर्वर बनाकर वोटिंग की और देश को पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की मिलीं. यह घटना न सिर्फ नेपाल बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई.

कौन सा ऐप बना लोकतंत्र का नया मंच?

जिस ऐप पर यह ऐतिहासिक वोटिंग हुई, उसका नाम है Discord. यह एक मैसेजिंग और कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म है जिसे 2015 में Jason Citron और Stanislav Vishnevskiy ने बनाया था. शुरू में यह गेमर्स के लिए बना था, लेकिन अब यह एक सोशल प्लेटफॉर्म बन चुका है जहां लोग टेक्स्ट, वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए संवाद करते हैं.

Discord कैसे काम करता है?

  • Discord को मोबाइल, डेस्कटॉप या ब्राउज़र से एक्सेस किया जा सकता है
  • इसमें टेक्स्ट चैनल्स और वॉयस चैनल्स होते हैं जहां यूजर्स बातचीत कर सकते हैं
  • स्क्रीन शेयरिंग और मीडिया शेयरिंग की सुविधा भी है
  • हर सर्वर में मॉडरेटर होते हैं जो नियम बनाते हैं और उनका उल्लंघन करने वालों को हटा सकते हैं
  • 2024 तक Discord के 200 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हो चुके हैं.

कैसे हुई वोटिंग और क्या था नतीजा?

नेपाल में जब सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया, तो युवाओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने Discord पर एक सर्वर बनाया जिसमें 1.45 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए. इस सर्वर पर कई नामों पर चर्चा हुई- जैसे क्रिकेटर सागर ढकाल और बिजली विभाग के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग. लेकिन अंत में सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनी. एक अनौपचारिक वोटिंग में उन्हें सबसे ज्यादा समर्थन मिला और उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री घोषित किया गया.

क्यों है यह घटना ऐतिहासिक?

  • यह शायद पहली बार है जब किसी देश में सोशल मीडिया ऐप पर वोटिंग के जरिए प्रधानमंत्री चुना गया
  • Gen-Z ने पारंपरिक राजनीति को चुनौती देते हुए डिजिटल लोकतंत्र की मिसाल पेश की
  • Discord सर्वर को लोगों ने “नेपाल की संसद” तक कह दिया.

कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. उनकी पहचान एक ईमानदार और भ्रष्टाचार विरोधी नेता के रूप में है. उनके नाम पर सहमति बनना इस बात का संकेत है कि युवा अब पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दे रहे हैं.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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