भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने साइबर अपराधों के खिलाफ अपनी धोखाधड़ी-रोधी पहल (fraud detection solution) के दम पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कंपनी ने दावा किया है कि उसके नेटवर्क पर वित्तीय नुकसान में 68.7 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि कुल साइबर अपराधों की घटनाएं 14.3 प्रतिशत तक घट गई हैं. यह सफलता गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4सी) द्वारा जारी आंकड़ों से प्रमाणित हुई है.
एयरटेल की पहल से साइबर अपराधों में आई गिरावट
भारती एयरटेल ने सितंबर 2024 में अपने AI-संचालित स्पैम और धोखाधड़ी पहचान समाधान की शुरुआत की थी. इसके बाद जून 2025 तक के आंकड़ों में स्पष्ट रूप से दिखा कि कंपनी की तकनीकी पहल ने साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है.
- वित्तीय नुकसान में 68.7% की गिरावट
- कुल साइबर अपराधों में 14.3% की कमी.

एआई तकनीक से स्पैम कॉल और फर्जी लिंक पर कसा शिकंजा
कंपनी के वाइस चेयरमैन और एमडी गोपाल विट्टल ने बताया कि एयरटेल के AI-संचालित नेटवर्क ने पिछले एक साल में:
- 48.3 अरब से अधिक स्पैम कॉल की पहचान की
- 3.2 लाख से अधिक फर्जी और धोखाधड़ी वाले लिंक को ब्लॉक किया.
उन्होंने इसे एक बड़ी लड़ाई में पहला कदम बताया और कहा कि एयरटेल इस क्षेत्र में लगातार नवाचार और निवेश करता रहेगा.
I4C के आंकड़ों से मिली पुष्टि
गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले I4सी ने एयरटेल की पहल की पुष्टि करते हुए बताया कि कंपनी के नेटवर्क पर साइबर अपराधों की घटनाएं और वित्तीय नुकसान दोनों में उल्लेखनीय गिरावट आई है. यह पहल डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है.
डिजिटल स्पैम और घोटालों से मुक्त नेटवर्क का लक्ष्य
एयरटेल का उद्देश्य है कि उसका नेटवर्क पूरी तरह से डिजिटल स्पैम, फिशिंग, और अन्य साइबर घोटालों से मुक्त हो. इसके लिए कंपनी लगातार तकनीकी समाधान विकसित कर रही है और अन्य टेलीकॉम कंपनियों को भी इस दिशा में सहयोग के लिए आमंत्रित कर रही है.
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