सिलीगुड़ी: बाल सुधार गृह से फिर एक साथ दस बच्चे भाग निकले. बच्चों के भाग निकलने के बाद बाल सुधार गृह कन्सर्न के अधिकारियों में खलबली मच गयी. इस बात की जानकारी पलक झपकते ही पूरे सिलीगुड़ी में फैल गयी. सभी पुलिस थाने को आगाह किया गया. सभी की तत्परता से कुछ बच्चों को तो धर लिया गया लेकिन अभी भी कुल छह बच्चे पकड़ से बाहर है. उनकी कोइ खबर नहीं है. उल्लेखनीय है कि बाल सुधार गृह से बार-बार बच्चों के भाग निकलने की घटना को लेकर प्रबंधन और प्रशासन पर सवालिया निशान लगने लगा है.
दार्जिलिंग जिले में एक भी सरकारी होम नहीं है. फलस्वरूप बच्चों को किसी ना किसी निजी और स्वयंसेवी संगठनों के होम में रखा जाता है. अधिकांश संस्थाओ के पास बुनियादी ढांचागत व्यवस्था की कमी है. बच्चों की देखरेख के लिये कर्मचारियों का अभाव सबसे बड़ी समस्या है.
मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार की सुबह न्यू जलपाइगुड़ी थाना अंतर्गत कन्सर्न नामक बाल सुधार गृह से कुल दस बच्चे भाग निकले. जानकारी मिलते ही अधिकारी हरकत में आये और सर्वप्रथम न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया. थाने में मामला दर्ज होते ही सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की ओर से सभी थानों को आगाह कर दिया गया.
इसके अतिरिक्त कन्सर्न के सदस्यो ने सिलीगुड़ी में बच्चों की खोज शुरू कर दी. बच्चों के भाग निकलने के करीब एक घंटे के भीतर पूरे शहर में प्रशासन और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनो के सदस्यों ने एक जाल तैयार किया. इसी बीच चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूशन की सिलीगुड़ी जंक्शन शाखा ने दो बच्चों को दबोचा. एक बच्चा सिलीगुड़ी थाने की पुलिस के हाथ लगा और एक को प्राजक नामक स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों ने पकड़ा. इन चारो बच्चों को दार्जिलिंग जिला चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को सौंप दिया गया है.
अभी भी छह बच्चों का कोइ खबर नहीं है. कन्सर्न से मिली जानकारी के अनुसार सुबह सभी को नाश्ता कराया गया. इसके बाद संस्था के कर्मचारी रोजाना की तरह अन्य कार्यों में व्यस्त हो गये. इसी बीच इन दस बच्चों ने मिलकर स्क्रू ड्राइवर से खिड़की का ग्रील खोला और भाग निकले. दार्जिलिंग जिला बाल सुरक्षा अधिकारी मृणाल घोष ने बताया कि होम में अधिकांश ही स्ट्रीट चाइल्ड रखे जाते हैं. इनमें से अधिकांश ही नशे के आदि होते हैं. अब इन दसों के दिमाग में क्या चल रहा था कहना मुश्किल है. अभी फरार छह बच्चों को ढूढ़ने की प्रक्रिया जारी है.