हालांकि जल्द ही तृणमूल में शामिल होने का का संकेत वह दे चुके हैं. 7 नवंवर को मालदा जिला परिषद साधारण समिति की बैठक में सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें निहार घोष पर ही टिकी रहेगी.वर्ष 2015 से माकपा के समर्थन से ही श्री घोष इंगलिश बाजार नगरपालिका में तीन बार वार्ड पार्षद निर्वाचित हुए हैं. यहां तक कि वर्ष 2015 के नगरपालिका चुनाव में माकपा के समर्थन से उन्होंने अपनी पत्नी को भी वार्ड पार्षद बनाया. हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में इंगलिश बाजार विधानसभा केंद्र से वह जीते. माकपा के साथ कांग्रेस ने भी इन्हें समर्थन दिया. हांलाकि विधायक बनने के बाद निहार घोष लगातार माकपा और कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं.
उनके तृणमूल में शामिल होने की चरचा जिले में जोरों पर है. दूसरी तरफ जिला माकपा नेताओं ने भी उनसे दूरी बढ़ानी शुरू कर दी है. किसी कार्यक्रम में आमत्रंण तो दूर विधायक के साथ संपर्क नहीं रखने का फरमान माकपा जिला कमिटी ने जारी किया है. जिला माकपा सचिव मंडली के सदस्य कौशिक मित्र ने कहा कि पिछले काफी समय से निहार घोष के साथ संपर्क नहीं के बराबर है.
वे अपने मन के मुताबिक कार्य कर रहे हैं. विधायक के रूप कब, कहां और क्या कर रहे हैं पार्टी में किसी को कोइ खबर नहीं है. पार्टी का एक नियम है जिसे मानकर ही सदस्यों को चलना होता है. सांसद हो या विधायक, उन्हें पार्टी की अनुसार ही चलना चाहिए. हालांकि कांग्रेस ने निहार घोष को लेकर को बयानबाजी नहीं की है. स्वर्गीय कांग्रेस नेता गनीखान चौधरी के मजार पर पुष्प अर्पित करते हुए एक साथ देखे जाने को लेकर जो राजनीतिक हलचल तेज हुयी है उस संबंध में सांसद मौसम नूर ने कहा कि विधायक मजार पर फूल चढ़ाने पहुंचे थे. वे हम लोगों के समर्थन से विधायक बने हैं. हमारी उनसे किसी भी प्रकार की शत्रुता नहीं है.