केशरीनाथ त्रिपाठी से मिल कर सिलीगुड़ी लौटने के बाद उन्होंने ममता सरकार पर जमकर हमला बोला. राज्य की तृणमूल सरकार और पुलिस प्रशासन को उन्होंने आड़े हाथो लिया. उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके के विकास में राज्य की तृणमूल सरकार जो आर्थिक संकट पैदा कर रही है, उसका पूरा विवरण राज्यपाल को सौंपा गया है. राज्य की ममता सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि सिलीगुड़ी में पैर ना जमा पाने का बदला ममता बनर्जी ले रही है. निगम का करोड़ो रूपया बकाया होने के बाद भी कोई मंत्रालय पैसा देने को तैयार नहीं है.
निगम ने संवैधानिक हक की गुहार लगायी है. उसके बाद भी राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम की अनदेखी कर रही है. कइ पत्र नवान्न के दिये गए, लेकिन उसका भी कोई जवाब अभी तक नहीं मिला है. निगम की सत्ता में आने के बाद से बकाया राशी भुगतान के लिये निगम की ओर से जितनी भी चिट्ठियां राज्य सरकार और उनके मंत्रालय को भेजी गयी है, उन सभी की एक प्रति राज्यपाल को दी गयी है. उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार की इस पक्षपातपूर्ण राजनीति के साथ निगम के मेयर ने सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की पक्षपातपूर्ण रवैये की भी जानकारी राज्यपाल को दी गयी है. हाल ही में तृणमूल द्वारा मेयर का घेराव किये जाने के दौरान पुलिस मुकदर्शक की भूमिका निभाई थी. मेयर ने बताया कि राज्यपाल ने इन सभी विषयों पर स्वयं निगरानी करने का आश्वासन दिया है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि 11 अक्टूबर को विजया दशमी है. प्रशासनिक रूप से विसर्जन की कोई जानकारी अब तक उन्हें नहीं मिली है.
दूसरी तरफ सिलीगुड़ी नगर निगम के स्वास्थ, लोक निर्माण और सफाई विभाग के कर्मचारियों को दुर्गोत्सव की भी छुट्टी नहीं मिलेगी. उक्त घोषणा निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने की है. सोमवार की दोपहर सिलीगुड़ी नगर निगम कार्यालय के सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा आगामी 5 से 17 अक्टूबर तक दुर्गोत्सव के अवसर पर निगम कार्यालय बंद रहेगा. हांलाकि निगम के सभी कर्मचारियों की छुट्टी नहीं है. निगम के लोक निर्माण, स्वास्थ और सफाई विभाग के कर्मचारियों की छुट्टी रद्द की गयी है.
पूजा के दौरान सिलीगुड़ी में किसी भी आपातकाल से निपटने के लिये इन कर्मचारियों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. शांतिपूर्ण पूजा समापन के लिये निगम के प्रत्येक बोरो कमिटी कार्यालय को 10 अतिरिक्त कर्मचारी दिये गए हैं. इसके अतिरिक्त निगम इलाके की जर्जर सड़के और खराब स्ट्रीट लाईट आदि की भी मरम्मती करा दी जायेगी. इसके लिए निगम ने करीब डेढ़ करोड़ रूपए आवंटित किये हैं.