उल्लेखनीय है कि गत 16 सितंबर को सिलीगुड़ी के वर्धमान रोड स्थित एक शॉपिंग मॉल के सामने सुकना सेना छावनी की एक गाड़ी अनियंत्रित होकर मॉल के प्रवेश द्वार तक पहुंच गयी थी. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत के साथ दर्जनों लोग घायल हुए थे. कई कारें, रिक्शा वैन, साइकिलें क्षतिग्रस्त हुई थीं. इस घटना में तीन लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. घटनास्थल पर पहुंचे निगम के मेयर व विधायक अशोक भट्टाचार्य ने तीनों घायलों के इलाज के लिये दो लाख रुपये देने का आश्वासन दिया था. तृणमूल छात्र परिषद का आरोप है कि आश्वासन देकर मेयर अब अपने वादे से मुकर गये हैं.
इसी आरोप को लेकर शनिवार की दोपहर तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष निर्णय राय के नेतृत्व में सैकड़ों सदस्य निगम परिसर में पहुंचे. बिना अनुमति के तृणमूल का झंडा लेकर सभी मेयर के कक्ष में प्रवेश कर गये और मेयर के खिलाफ नारेबाजी शुरू की. यहां तक कि मेयर के कक्ष में रखी कुर्सियों पर खड़े होकर तृणमूल के युवा सदस्यों को नारेबाजी करते देखा गया. मेयर का घेराव किये जाने की जानकारी मिलने के साथ ही मेयर परिषद सदस्य सहित एकाधिक माकपा वार्ड पार्षद मौके पर उपस्थित हुए. माकपा और तृणमूल के बीच घंटों तर्क-वितर्क चला.
इसके बाद पीड़ितों को अविलंब वादे के अनुरूप मुआवजा देने की चेतावनी देते हुए तृणमलू सदस्य मेयर कक्ष से बाहर निकल गये. इस दौरान मेयर सहित अन्य मेयर परिषद सदस्यों ने पुलिस को एकाधिक बार जानकारी दी, लेकिन मौके पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं पहुंचा. तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष निर्णय राय ने कहा कि मेयर ने स्वंय पीड़ितों को दो-दो लाख रूपये देने का एलान किया था. अब वह अपने वादे से मुकर रहे हैं. बीते शुक्रवार को पीड़ित के पिता तासी लामा निगम में अपनी अर्जी लेकर आये थे, लेकिन उन्हें रुपये नहीं मिले. इसी के विरोध में तृणमूल छात्र परिषद ने सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर का घेराव किया. श्री राय ने कहा कि यदि अशोक भट्टाचार्य अपने वादे पर अडिग नहीं रह सकते और निगम का संचालन करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
पुलिस प्रशासन पर फिर से उंगली उठाते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल छात्र परिषद द्वारा घेराव किये जाने के समय मैंने स्वंय सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर को सात बार फोन किया, लेकिन उन्होंने सातों बार फोन काट दिया. इसके बाद सिलीगुड़ी थाना प्रभारी को फोन करने पर उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस की एक टीम भेजी जा रही है. लेकिन घटना के दौरान एक भी पुलिस कर्मी निगम में उपस्थित नहीं हुआ.