बार-बार बिजली विभाग से दरख्वास्त करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा और इन लोगों ने अब आंदोलन की शुरूआत कर दी है. इसी क्रम में शनिवार की शाम को फालाकाटा ब्लॉक के तफ्सीतला इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग को ग्रामीणों ने जाम कर दिया. कई घंटे तक पथ अवरोध कर यह लोग बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे.
एक गांव वासी सुवास राय का कहना है कि भीषण गरमी के इस मौसम में बिजली नहीं होने की वजह से जीना दुभर हो गया है. इसके साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है. कई बार बिजली विभाग को जानकारी दिये जाने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ है. इस समस्या के समाधान को लेकर बिजली विभाग के अधिकारी पूरी तरह से उदासीन हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार गोकुल नगर गांव के उत्तर तथा दक्षिण क्षेत्र में लगाये गये दोनों ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं.
जब तक इन ट्रांसफार्मरों को बदला नहीं जायेगा, तब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी. इन ट्रांसफार्मरों को बदलने को लेकर बिजली विभाग की ओर से कोई कोशिश नहीं की जा रही है. बाध्य होकर ग्रामीणों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है. इस बीच, सड़क जाम खत्म कराने के लिए मौके पर पहंंुची फालाकाटा पुलिस को भी ग्रामीणों के रोष का शिकार होना पड़ा. आंदोलन कर रहे लोगोंे ने पुलिस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की. काफी समझाने-बुझाने के बाद करीब चार घंटे के आंदोलन के बाद ग्रामीण सड़क जाम खत्म करने के लिए राजी हो गये. इस बीच, चार घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग जाम रहने के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. सड़क के दोनों ही ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. दूरगामी बसों में यात्रा कर रहे यात्री बेहाल थे. कड़ी धूप और गरमी से बचने के लिए यात्री बस से नीचे उतर कर सड़क किनारे पेड़ की छांव में डेरा जमाये हुए थे और पथ अवरोध खत्म होने का इंतजार कर रहे थे. कई यात्रियों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए इस तरह के पथ अवरोध आंदोलन का विरोध किया. इन यात्रियों का कहना था कि यदि गांव में बिजली की समस्या है तो ग्रामीणों को बिजली विभाग के कार्यालय के सामने घेराव आंदोलन करना चाहिए. सड़क अवरोध कर हजारों यात्रियों को परेशान करना सही नहीं है. एक बस यात्री समीर चंद का कहना है कि वह सड़क अवरोध की वजह से कई घंटों से फंसे हुए हैं. इंतजार करने के अलावा उनके पास अन्य कोई चारा नहीं है.