तोड़फोड़ की इस घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी और दाजिर्लिंग जिला तृणमूल अध्यक्ष तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव सूचना पाते ही वहां पहुंचे थे. उन्होंने तोड़फोड़ की इस घटना के लिए माकपा को जिम्मेदार ठहराया था. इस संबंध में सिलीगुड़ी थाने में एक शिकायत भी दर्ज करायी गई. दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने रविवार की रात को ही तीन माकपा समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद से ही वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है.
इस बीच, माकपा समर्थकों की गिरफ्तारी के विरोध में आज माकपा ने विरोध जुलूस निकाल कर सिलीगुड़ी थाने का घेराव किया. यह लोग तत्काल तीनों लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे. माकपा नेता जीवेश सरकार ने कहा है कि जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, वह सभी निदरेष हैं. उन्होंने सभी को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि तृणमूल के भीतर ही गुटीय संघर्ष की स्थिति है.
तृणमूल के लोगों ने ही पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की और अब माकपा पर गलत रूप से दोषारोपण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उल्टे तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने माकपा उम्मीदवार शर्मिला दास के चुनावी जनसभा में हमला कर दिया. इस संबंध में सिलीगुड़ी थाने में एफआईआर भी दर्ज करायी गई है. पुलिस ने माकपा द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है.
तृणमूल ने माकपा उम्मीदवार की जनसभा में हुए हमले की घटना को दबाने के लिए ही अपने कार्यालय में तोड़फोड़ होने जैसी घटना का इंल्जाम माकपा पर लगा रही है. यह सब कुछ उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव के इशारे पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी की पुलिस मंत्री गौतम देव के निर्देशानुसार काम कर रही है. इस पूरे मामले की शिकायत वह शीघ्र ही राज्य चुनाव आयोग से करेंगे. इस बीच, माकपा के सिलीगुड़ी थाना घेराव के दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी.