रायगंज : अब कुलिक फॉरेस्ट जाने वाले भ्रमण पिपासु वहां बने एक्वैरियम में दैनंदिन उपयोग में लायी जाने वाली मछलियां देख सकेंगे. इसके लिये रायगंज कुलिक फॉरेस्ट में एक्वैरियम तैयार किये गये हैं. इसमें प्राचीन काल से भोजन का हिस्सा रहीं देसी मछलियां दिखेंगी.
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एक्वैरियम में दिखेंगी कई प्रजाति की मछलियां
रायगंज : अब कुलिक फॉरेस्ट जाने वाले भ्रमण पिपासु वहां बने एक्वैरियम में दैनंदिन उपयोग में लायी जाने वाली मछलियां देख सकेंगे. इसके लिये रायगंज कुलिक फॉरेस्ट में एक्वैरियम तैयार किये गये हैं. इसमें प्राचीन काल से भोजन का हिस्सा रहीं देसी मछलियां दिखेंगी. इनमें मुख्य रुप से चितल, पोठिया, फोली, दारकिनी, खोलसा, कचिया, सरपुटी, […]
इनमें मुख्य रुप से चितल, पोठिया, फोली, दारकिनी, खोलसा, कचिया, सरपुटी, पांग मछली, मागुर, सिंगी,साटी, काजली और तेलापिया शामिल हैं. इनके अलावा एक्वैरियम में केकड़ों को भी रखा जायेगा. उल्लेखनीय है कि उत्तर दिनाजपुर जिले की विभिन्न नदियों से इन मछलियों का संग्रह किया गया है. मछलियों को देखने के लिये इन दिनों प्रकृति प्रेमियों की भीड़ कुलिक फॉरेस्ट में दिखायी दे रही है. गौरतलब है कि प्रत्येक एक्वैरियम के सामने देसी मछलियों के नाम अंकित हैं. इससे मछलियों को पहचानने में मदद मिलेगी.
कुलिक के बीट ऑफिसर वरुण साहा ने सोमवार को बताया कि विभिन्न नदियों से मछलियों का संग्रह किया गया है. रायगंज के वन अधिकारी सोमनाथ सरकार ने बताया कि हमारी नई पीढ़ी बहुत सारी पारंपरिक मछलियों के बारे में कम जानती है. इसलिये ये एक्वैरियम इन्हें मछलियों की विविध प्रजातियों को पहचानने में मदद मिलेगी.
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