सिलीगुड़ी : रेलवे द्वारा अगले 12 वर्षों में 50 लाख करोड़ के प्रस्तावित निवेश द्वारा सुरक्षा, गति एवं यात्रियों के लिए सेवा के उच्चतम मानक प्रदान करने तथा आधुनिकीकरण करने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया गया है.
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पूर्वोत्तर सीमा रेलवे : संस्थानगत ढांचों में व्यापक परिवर्तन व आधुनिकीकरण का लक्ष्य निर्धारित
सिलीगुड़ी : रेलवे द्वारा अगले 12 वर्षों में 50 लाख करोड़ के प्रस्तावित निवेश द्वारा सुरक्षा, गति एवं यात्रियों के लिए सेवा के उच्चतम मानक प्रदान करने तथा आधुनिकीकरण करने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया गया है. इसके लिए एकीकृत, कुशल संगठन तथा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम संस्थान की आवश्यकता है. भारत […]
इसके लिए एकीकृत, कुशल संगठन तथा चुनौतियों का सामना करने में सक्षम संस्थान की आवश्यकता है. भारत के इस सबसे बड़े नियोक्ता एवं विशाल संस्थान को इस परिवर्तनशील परिदृश्य के प्रति ज्यादा अनुकूल बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा रेलवे के संस्थानगत अवसंरचना के पुनर्गठन का साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है.
पिछले मंगलवार को कैबिनेट ने रेलवे में व्यापक पुनर्गठन को अनुमोदित कर दिया है. जिसमें महाप्रबंधकों को सर्वोच्च स्तर (भारत सरकार के सचिव के समतुल्य) की अनुमति, जो त्वरित एवं प्रभावी निर्णय लेने के लिए फील्ड इकाइयों को सशक्त बनाने एवं उन्हें ज्याद जिम्मेदार बनाने की ओर एक कदम है.
विभागीय स्तर के बजाए कार्यप्रणाली स्तर पर रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन, जिसमें अवसंरचना, परिचालन एवं व्यवसायिक विकास, रोलिंग स्टॉक एवं वित्तीय मामले में 30 वर्षों का अनुभव एवं गहरा ज्ञान रखने वाले कुछ उच्च पेशेवरों को स्वतंत्र सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा, जो रेलवे बोर्ड को ज्यादा कुशलता के साथ काम करने तथा निर्णायक दिशा निर्धारित करने में सहायता करेंगे.
करीब 35 वर्षों का अनुभव रखने वाले भारतीय रेल के अधिकारीगण रेलवे बोर्ड के चेयरमैन/सीईओ के रूप में पदस्थापित किए जाएंगे. रेलवे के वर्तमान आठ ग्रुप ए सेवाओं को इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस) नामक एक केंद्रीय सेवा में एकीकरण से भारतीय रेल के शीर्ष प्रबंधन का एक हिस्सा बनने के लिए उनकी प्रतिभा एवं वरिष्ठता के आधार पर सभी अधिकारियों को समान अवसर प्राप्त होगा.
इससे अंतरविभागीय समन्वय में इजाफा होगा. अब से रेलवे में यूपीएससी के माध्यम से नियुक्ति पांच कैटेगरी में की जाएगी. उनमें से चार तकनीकी परिचालन के लिए इंजीनियरिंग विशेषज्ञ होंगे एवं सिविल, मैकेनिकल, टेलीकॉम एवं इलेक्ट्रिकल तथा एक गैर-तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो लेखा, कार्मिक एवं ट्रैफिक के लिए अधिकारियों की भर्ती करेंगे.
रेलवे के साथ कार्य करने के इच्छुक उम्मीदवारों को पूर्व परीक्षा के लिए उपस्थित होना होगा. इसके उपरांत वे पांच विशेषज्ञता के अधीन आईआरएमएस के लिए अपनी प्राथमिकता को चिन्हित करेंगे. सेवाओं के प्रारूप तथा एकीकरण रेल मंत्रालय द्वारा डीओपीटी के परामर्श साथ में पारदर्शिता एवं स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट द्वारा नियुक्त वैकल्पिक तंत्र के अनुमोदन पर निष्पादित किया जाएगा.
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