2015 में स्थापित हुआ था राज्य का पहला मॉडल विलेज
ग्रामीणों ने की सिंचाई व्यवस्था व कुटीर उद्योग स्थापित करने की मांग
नागराकाटा : राज्य सरकार की ओर से नागराकाटा ब्लॉक स्थित बामनडांगा चाय बागान में 2015 में स्थापित राज्य का प्रथम मॉडल विलेज के किसानों ने सिंचाई व्यवस्था और रोजगार के लिए कुटीर उद्योग स्थापित करने की मांग की है. मॉडल विलेज के किसान धीरे-घीरे अन्य स्थानों पर शरण लगे हैं.
राज्य सरकार की ओर से निर्मित मॉडल विलेज के प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होने के बाद भी गांव में रोजगार की व्यवस्था, जंगली हाथियों का हमला, पेयजल संकट, जल निकासी की व्यवस्था समेत विभिन्न समस्याओं के कारण स्थानीय लोग अन्य जगहों पर शरण लेने लगे हैं.
2015 में निर्मित मॉडल विलेज में चाय बागान के 571 श्रमिकों को घर प्रदान किया गया था. लेकिन वर्तमान में मॉडल विलेज के ज्यादातर घरों में ताला जड़े होने के साथ ही बेहाल अवस्था में है. गांव में सोलर लाइट लगाया गया था, लेकिन वह कुछ वर्षों में ही खराब हो जाता है. रात को कुछ घंटा जलने के बाद लाइट बंद हो जाता था.
गांव के निकट ही गोरुमारा जंगल अवस्थित है. इस कारण गांव में प्रतिदिन जंगली जानवर हाथी, तेंदुआ एवं अन्य जंगली जानवरों का आतंक रहता है. ब्लॉक प्रशासन ने इस समस्या को देखते हुए वर्तमान में विद्युत परिसेवा का इंतजाम किया है. अभी भी कई घरों में विद्युत बत्ती लगाने का कार्य जारी होने की बात स्थानीय लोगों ने कही.
साथ ही गांव की सुरक्षा के लिए स्थानीय निवासी पवन दास कुजूर, अंकल लोहार, बुधू मुंडा ने कहा कि सरकार ने मॉडल विलेज यहां के चाय श्रमिकों के लिए बना दिया है. लेकिन वतर्मान में यहां काफी समस्याएं होने के कारण यहां के निवासी अन्य स्थानों पर पलायन करने लगे हैं. यहां की मुख्य समस्या रोजगार, जंगली जानवरों का आतंक, पेयजल संकट, ड्रेन व्यवस्था नहीं होना है.
गांव में स्ट्रीट लाईट है, जिसके कारण गांव में काफी चोरी की घटना होने लगी है. जिससे यहां के लोगा काफी आतंकित हैं. यदि सरकार यहां कुटीर उद्योग स्थापित करे तो गांव में फिर रौनक लौट आएगा. सरकार की ओर से लोगों के लिए जमीन का पट्टा प्रदान किया गया, लेकिन सिंचाई व्यवस्था नहीं होने के कारण खेतीबारी करने में किसानों को परेशानी होती है. यदि गांव में सरकार की ओर से सिंचाई की व्यवस्था, रोजगार की व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट लगाने की मांग की.