बोले, राज्य सरकार की शासन व्यवस्था ठंडे बस्ते में
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हर जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ करेंगे बैठक : राज्यपाल
बोले, राज्य सरकार की शासन व्यवस्था ठंडे बस्ते में सिलीगुड़ी : राज्य में शासन व्यवस्था ठंडे बस्ते में है. हर जगह लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं. यह कहना है राज्यपाल जगदीप धनखड़ का. वे मंगलवार को सिलीगुड़ी स्टेट गेस्ट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे […]
सिलीगुड़ी : राज्य में शासन व्यवस्था ठंडे बस्ते में है. हर जगह लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं. यह कहना है राज्यपाल जगदीप धनखड़ का. वे मंगलवार को सिलीगुड़ी स्टेट गेस्ट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बैठक में दार्जिलिंग जिलाधिकारी, सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर, राज्यसभा सांसद शांता छेत्री को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे बैठक में शामिल नहीं हुए. इन सभी को बैठक में शामिल होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इसी से अंदाजा लगया जा सकता है कि राज्य में शसन व्यवस्था का हाल क्या है.
साथ ही उन्होंने कहा कि इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में भी पर्यटन मंत्री गौतम देव को आमंत्रण जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया था. पर वहां भी उपस्थित नहीं हुए. श्री धनखड़ ने कहा कि मेरे राज्यपाल पद पर शपथ लेने के बाद दार्जिलिंग जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ पहली बैठक है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में सिलीगुड़ी के विधायक व मेयर अशोक भट्टाचार्य ने 10 सूत्री मांगों से अवगत कराया. वहीं दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने भी सात मांगें रखी हैं, जबकि दार्जिलिंग विधायक नीरज जिम्बा, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति प्रोफेसर तापस सरकार, माटीगाड़ा विधायक शंकर मालाकार ने भी अपने क्षेत्र की समस्यओं से अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों से बात करने के बाद एक ही बात सामने आयी कि राज्य में शासन व्यवस्था बहुत ही दयनीय है. श्री धनखड़ ने कहा कि हम अब राज्य के सभी जिलों में जाकर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. जो भी समस्याएं सामने आयेंगी, उसपर मंथन करने के बाद काम होगा. राज्यपाल से पूछे जाने पर कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने क्या-क्या बातें रखीं, इस पर उन्होंने कहा कि पूरे मामले को पहले हम देखेंगे, उसके बाद इस पर चर्चा करेंगे.
जादवपुर विश्वविद्यालय कांड के बारे में पूछे जाने पर श्री धनकड़ ने कहा कि जादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री और आसनसोल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो को हम प्रदर्शनकारी छात्रों से मुक्त कराकर लाये. इस पर राज्य सरकार के मंत्री ने कहा कि वहां राज्यपाल को नहीं जाना चाहिए था. मंत्री को यह भी पता होना चाहिए कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय हमारे क्षेत्र में ही आते है. जहां भी कोई समस्या हो वहां हम जा सकते है. एनआरसी के संबंध में पत्रकारों की ओर से सवाल करने पर राज्यपाल ने कुछ भी स्पष्ट तौर से नहीं कहा.
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