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बंदरों के हमले में पर्यावरण प्रेमी जख्मी

चालसा : बंदरों के झुंड के हमले में पर्यावरण मानवेंद्र दे सरकार जख्मी हुए हैं. यह घटना गुरुवार की दोपहर 3 बजे उनके घर पर ही हुई है. बंदरों ने पर्यावरण प्रेमी के पैर और हाथ में काट खाये हैं. फिलहाल उनका घर पर ही रहकर इलाज चल रहा है. पीड़ित ने बताया कि आजकल […]

चालसा : बंदरों के झुंड के हमले में पर्यावरण मानवेंद्र दे सरकार जख्मी हुए हैं. यह घटना गुरुवार की दोपहर 3 बजे उनके घर पर ही हुई है. बंदरों ने पर्यावरण प्रेमी के पैर और हाथ में काट खाये हैं. फिलहाल उनका घर पर ही रहकर इलाज चल रहा है. पीड़ित ने बताया कि आजकल अक्सर ऐसे हमले हो रहे हैं जिससे खासतौर पर बच्चों और महिलाओं में भय व्याप्त है.

मानवेंद्र दे सरकार ने बताया कि घटना के समय वे अपने घर प ही थे. तकरीबन हर रोज इन दिनों आसपास के वनांचल से बंदरों के झुंड बस्ती इलाके में आ रहे हैं. घर में अमरूद का पेड़ है. उसी के लालच में यह झुंड आया था. पेड़ से अमरूद तोड़कर खा रहे थे.

वे उन्हें खदेड़ने के लिये आंगन में गये तो चार से पांच बंदरों ने उन पर एक साथ हमला कर दिया. पैर में काटकर मांस नोच लिया है. इस दौरान बंदरों ने उनका पायजामा भी फाड़ दिया. झुंड में कुल 25 बंदर थे. उन्होंने बताया कि बंदरों ने उनकी उंगली भी काट खायी है. अचानक हमले से उनका डर के मारे बुरा हाल था. वे दौड़कर कमरे में चले गये. बाद में अस्पताल जाकर उन्होंने अपना इलाज कराया. चालसा में अक्सर बंदरों के हमले होते हैं.

इससे बच्चों और महिलाओं में भय बना रहता है. उन्होंने कहा कि वन विभाग को बंदरों के उपद्रव पर अकुश लगाना चाहिये. वन विभाग के वन्य प्राणी डिवीजन के खूनिया स्क्वाड के रेंजर राजकुमार लाइक ने बताया कि बंदरों के उपद्रव की छानबीन की जा रही है. लेकिन लोगों को भी सावधान रहना चाहिये. बंदरों को खाने की चीज देने से बचना चाहिये. बाधा देने पर हमला करते हैं.

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