मेटेली : एक तरफ जहां डुआर्स की विभिन्न नदियों से बालू-पत्थर के संग्रह से पर्यावरण पर संकट की दुहाई देकर इनके खनन पर प्रशासनिक प्रतिबंध लगाया जा रहा है वहीं, इस प्रतिबंध से इस व्यवसाय से जुड़े कई हजार श्रमिक, खलासी और चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है. यहां तक कि इस व्यवसाय का लाभ डुआर्स के बंद चाय बागानों के श्रमिकों को भी मिल रहा था.
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सालबाड़ी मोड़ पर श्रमिक, चालक व खलासियों ने किया पथावरोध
मेटेली : एक तरफ जहां डुआर्स की विभिन्न नदियों से बालू-पत्थर के संग्रह से पर्यावरण पर संकट की दुहाई देकर इनके खनन पर प्रशासनिक प्रतिबंध लगाया जा रहा है वहीं, इस प्रतिबंध से इस व्यवसाय से जुड़े कई हजार श्रमिक, खलासी और चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है. यहां तक कि इस व्यवसाय का […]
लेकिन अब उनकी आय का एक स्रोत सूख चला है. इसीलिय रोजगार की खातिर इस सरकारी प्रतिबंध को वापस लेने की मांग करते हुए इन लोगों ने बुधवार की सुबह 11 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग के सालबाड़ी मोड़ पर पथावरोध किया.
इस वजह से सड़क के दोनों तरफ सैकड़ों वाहनों की कतार लग गयी. जानकारी मिलने पर मेटेली थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उन्होंने आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया. बाद में उन्हें उनकी मांगों को शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचाने के आश्वासन के बाद आंदोलनकारियों ने पथावरोध को वापस ले लिया.
उल्लेखनीय है कि डुआर्स की नेउड़ा, माल, कूर्ति जैसी नदियों से बालू-पत्थरों के संग्रह पर कई हजार श्रमिकों की जीविका निर्भर है. कारोबार बंद होने से इनकी आय का रास्ता बंद हो गया है. श्रमिक और परिवहन कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं.
इन लोगों का स्पष्ट कहना है कि प्रतिबंध वापस लेना होगा. उधर, मेटेली थाना पुलिस के ओसी ने बताया कि प्रतिबंध जारी है. आश्वासन मिलने पर उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया है. दोपहर बाद से आवागमन स्वाभाविक हुआ.
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