डॉ राजीव त्रेहान के नेतृत्व में हो चुकी है 100 से अधिक सफल बाइपास सर्जरी
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बाइपास सर्जरी में नेवटिया गेटवेल ने लिखी सफलता की नयी कहानी
डॉ राजीव त्रेहान के नेतृत्व में हो चुकी है 100 से अधिक सफल बाइपास सर्जरी सिलीगुड़ी : कॉरोनरी हृदय रोग में सबसे कारगर तरीका कॉरोनरी हार्ट बाइपास सर्जरी है, जिसमें शहर के नेवटिया गेटवेल हेल्थकेयर सेंटर ने सफलता की नयी कहानी लिखी है. अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियो-थौरैसिक एवं वास्कुलर सर्जन, डॉ राजीव त्रेहान के […]
सिलीगुड़ी : कॉरोनरी हृदय रोग में सबसे कारगर तरीका कॉरोनरी हार्ट बाइपास सर्जरी है, जिसमें शहर के नेवटिया गेटवेल हेल्थकेयर सेंटर ने सफलता की नयी कहानी लिखी है. अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियो-थौरैसिक एवं वास्कुलर सर्जन, डॉ राजीव त्रेहान के नेतृत्व में यहां 100 से अधिक की बाइपास सर्जरी हो चुकी है.
डॉ त्रेहन बताते हैं कि कई अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों में कॉरोनरी बाइपास सर्जरी के दीर्घकालिक लाभ की बात सामने आयी है. खासतौर पर शुगर के मरीजों में कॉरोनरी स्टेंट्स या अन्य किसी उपचार से बाइपास सर्जरी को बेहतर पाया है. हालांकि इस नवीनतम अध्ययन की जानकारी अधिकतर लोगों तक नहीं पहुंची है. हाल ही में इस चिकित्सा पद्धति ने अपनी शुरुआत के 50 वर्ष पूरे किये हैं. इस दौरान भारत में लाखों मरीजों को इस तकनीक से जीवनदान मिला है.
उल्लेखनीय है कि नेवटिया हेल्थकेयर सेंटर में डॉ राजीव त्रेहान केनेतृत्व में कार्डियो-थोरैसिक एवं वास्कुलर सर्जरी विभाग ने अब तक 100 से अधिक बाइपास सर्जरी की है. इन मामलों में मृत्यु की दर शून्य रही. इनमें से 98 फीसदी सर्जरी ऑफ पंप तकनीक के माध्यम से संपन्न हुई. इस तकनीक में हृदय की धड़कन को रोकने की अनिवार्यता नहीं होती. नेवटिया गेटवेल में कॉरोनरी आर्टरी रोग, हार्ट वाल्व और कन्जेस्टिव हार्ट फेलियोर के मामलों का उपचार एक संपूर्ण व्यवस्था के तहत कार्डियक सर्जन और उनकी टीम की देखरेख में अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधा के साथ करते हैं.
इस तरह से नेवटिया गेटवेल इस क्षेत्र में सर्वाधिक पसंद किया जानेवाला अस्पताल बन गया है. बता दें कि डॉ राजीव त्रेहान कार्डियो थोरैसिक एवं वास्कुलर सर्जरी के विषय में महारत हासिल है. इन्होंने देश के कई प्रतिष्ठित कार्डियक संस्थानों में काम किया है. इसके अलावा ये जर्मनी और फ्रांस में प्रशिक्षण लेने के बाद नेवटिया गेटवेल में सफलतापूर्वक ऑपरेशन करते रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप उन्हें 5000 से अधिक बाइपास और ओपेन हार्ट सर्जरी का अनुभव है.
नेवटिया गेटवेल हेल्थ सेंटर के डीजीएम कौशिक हालदार का कहना है कि सिलीगुड़ी में नेवटिया गेटवेल हेल्थ सेंटर की स्थापना के बाद आम मरीजों की चिंता काफी हद तक दूर हो गयी है. उन्हें अब हृदय रोग के समुचित इलाज के लिये किसी अन्य राज्य में जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ रही है. यहां के इलाज का स्तर देश के किसी भी हिस्से के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मुकाबले कमतर नहीं है. इस अस्पताल ने कई मूल्यवान जीवन की रक्षा करने में सफलता पायी है. शहर के अधिकतर हृदय रोगों का निदान नेवटिया गेटवेल हेल्थकेयर सेंटर कर रहा है.
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