बागडोगरा : खपरैल रोड संलग्न रक्ती नदी पर बना लोहे का पुल काफी जर्जर है. यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. प्रशासन ने पुल के दोनों और सावधान लिखा बोर्ड लगा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है. जबकि आम लोग इस बोर्ड को देखने के बाद भी सावधान नहीं हुए हैं. इस जर्जर पुल से ही वाहनों की आवाजाही हो रही है .जबकि पुल के नीचे कई घर, दुकान आदि बने हुए हैं. पुल के गिरने पर कोई बड़ी अनहोनी घटना हो सकती है.
कुछ दिनों पहले पुल के खतरनाक होने की जानकारी स्थानीय लोगों ने एसजेडीए को दी थी. एसजेडीए की एक टीम वहां जायजा लेने भी पहुंची. फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. मिली जानकारी के अनुसार माटीगाड़ा ब्लॉक के पाथरघाटा ग्राम पंचायत के अधीन यह पुल हैु पुटिंगबाड़ी चाय बागान के अलावा कई बस्तियों के लोग इसी पुल से आवाजाही करते हैं. पुल की मरम्मत की मांग यह लोग वर्षों से करते आ रहे हैं. लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ है.
यदि यह पुल गिर जाए तो कई गांव का संपर्क बागडोगरा एवं माटीगाड़ा से खत्म हो जाएगा. वर्ष 2005 में तत्कालीन सांसद चितव्रत मजुमदार ने अपने सांसद कोष से इस पुल का निर्माण कराया था. उसके बाद कभी भी क पुल की मरम्मत ही नहीं कराई गई. इस संबंध में महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार ने बताया है कि एसजेडीए की ओर से 16 लाख रुपए खर्च कर पिलर की मरम्मती करायी गयी थी. इसके अलावा पुल के दोनों और बेरीकेट लगा दिए गए हैं,ताकि वाहनों की आवाजाही नहीं हो.
उसके बाद भी लोग गाड़ियों को लेकर आना जाना कर रहे हैं. इससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. आम लोगों में जागरूकता की कमी के कारण ही ऐसी समस्या सामने आ रही है. पाथरघाटा ग्राम पंचायत के प्रधान प्रफुल्ल बर्मन बताया है कि बालू पत्थर लदे ट्रकों की आवाजाही से ही पुल का यह हाल हो गया है. एपुल की मरम्मत को लेकर एसजेडीए से उनकी बातचीत चल रही है. एस्टीमेट बनाने का काम भी हुआ है. उम्मीद है कि शीघ्र ही पुल की मरम्मत करायी जा सकेगी.