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सिलीगुड़ी : सफारी पार्क में ड्रोन कैमरा भी फेल, तीसरे दिन भी नहीं मिला तेंदुए का कोई सुराग

सिलीगुड़ी : लगातार तीसरे दिन बंगाल सफारी पार्क में वनकर्मी जंगलों की खाक छानते रहे, लेकिन सचिन नामक तेंदुए का कोई अतापता नहीं चला.बृहस्पतिवार सुबह 6 बजे से एक बार फिर से तेंदुए को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ. तेंदुए की तलाश में वन विभाग अत्याधुनिक तकनीक का भी सहारा भी ले रही […]

सिलीगुड़ी : लगातार तीसरे दिन बंगाल सफारी पार्क में वनकर्मी जंगलों की खाक छानते रहे, लेकिन सचिन नामक तेंदुए का कोई अतापता नहीं चला.बृहस्पतिवार सुबह 6 बजे से एक बार फिर से तेंदुए को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ. तेंदुए की तलाश में वन विभाग अत्याधुनिक तकनीक का भी सहारा भी ले रही है.सुबह से ही भारी संख्या में वनकर्मी 4 हाथियों की मदद से तेंदुए की तलाश में जुट गए.
बुधवार को कॉम्बैट ऑपरेशन के तर्ज पर तलाशी अभियान शुरू किया गया. जाल लेकर काफी संख्या में वनकर्मी बंगाल सफारी पार्क के कई हिस्सों में बट गए. इतना ही नहीं तेंदुए को खोजने के लिए दो ड्रोन कैमरे की भी सहायता ली गई. पूरे बंगाल सफारी पार्क इलाके में ड्रोन कैमरे को घुमाया गया.
कहीं भी तेंदुआ नहीं दिखा. दिन भर काफी तलाश के बाद भी तेंदुए के नहीं मिलने से वन विभाग के अधिकारी एवं बंगाल सफारी पार्क प्रबंधन के लोग काफी परेशान हैं. इनकी आंखों की नींद उड़ी हुई है. उसके बाद शाम को कुछ वक्त के लिए ऑपरेशन रोक दिया गया.
उसके बाद फिर से तेंदुए की तलाश शुरू कर दी गयी. रातों भर सर्च ऑपरेशन चलेगा. बंगाल सफारी पार्क सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह से एक बार फिर से तेंदुए की तलाश शुरू कर दी जाएगी. तेंदुए की तलाश में 4 पालतू हाथियों को लगाया गया है.
आज भी हाथी के पीठ पर वन कर्मी सवार होकर तेंदुए को खोजने में जुटे रहे. तेंदुए को पकड़ने के लिए जो 10 पिंजरे लगाए गए हैं, उसकी भी विशेष रूप से निगरानी की गई .लेकिन तेंदुआ किसी भी कीमत पर इन पिंजरे में नहीं फंस रहा है. सूत्रों ने आगे बताया कि रात के समय तेंदुए के बाहर निकलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. तेंदुआ काफी चतुर प्राणी होता है.
इसलिए दिन में वह लोगों को चकमा दे पा रहा है. सर्च ऑपरेशन रोकने के बाद संभव है कि तेंदुआ अपनी दिशा बदले. इसी को ध्यान में रखते हुए बंगाल सफारी पार्क के विभिन्न इलाकों में 7 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं .सभी कैमरे हाई डेफिनेशन के हैं. ऑटोमेटिक तस्वीर खींचने की क्षमता इन कैमरों में है. रात के समय यदि तेंदुआ इन कैमरों के सामने से गुजरेगा तो उसकी तस्वीर कैद हो जाएगी.
यदि ऐसा होता है तो अगले दिन तेंदुए के तलाश में थोड़ी आसानी हो सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं तेंदुए को पकड़ने के लिए बंगाल सफारी पार्क के अंदर विभिन्न स्थानों पर पटाखे भी फोड़े गए. इसका भी कोई लाभ नहीं हुआ. राज्य जू अथॉरिटी के सचिव विनोद कुमार यादव भी बृहस्पतिवार को सर्च ऑपरेशन पर नजर रखने के लिए यहां पहुंचे.
उन्होंने पार्क प्रबंधन के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक भी की. इस दौरान तेंदुए को पकड़ने के लिए विभिन्न संभावित उपायों पर चर्चा की गई. यहां उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह बंगाल सफारी पार्क के अपने बाड़े से एक तेंदुआ भाग निकला है.
इसकी वजह से पूरे इलाके में हड़कंप है. बंगाली सफारी पार्क के एहतियात के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है.ऐसे बुधवार को बंगाल सफारी पार्क में कार सफारी की शुरूआत कर दी गयी थी. हांलाकि पर्यटकों को सफारी पार्क के अंदर आज भी नहीं जाने दिया गया. गेट के बाहर पर्यटकों को विशेष प्रकार की गाड़ी में सवार कर कार सफारी करायी जा रही है.जबकि एलीफेंट सफारी एवं लेपर्ड सफारी बंद रखा गया है. कुल 6 टीमें तेंदुए को खोजने में लगी हुई है.
एक टीम में एक दर्जन से अधिक वनकर्मी हैं. दूसरे स्थानों से भी वनकर्मियों को सिलीगुड़ी बुलाया गया है. यहां यह भी बता दें कि बंगाल सफारी पार्क में आपने बाड़े से भागे तेंदुए के दूसरे जंगल में निकल जाने की भी संभावना जतायी जा रही है.
बुधवार को पार्क के बाहर पैर के अजीबोगरीब निशान मिले थे. इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद तेंदुआ महानंदा अभ्यारण्य की ओर निकल गया हो. हांलाकि वन विभाग के अधिकारी यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं.
दिन-रात जंगलों की खाक छान रहे वनकर्मी
सिलीगुड़ी. एक ओर बंगाल सफारी पार्क में अपने बाड़े से एक तेंदुआ फरार है,वहीं दूसरी ओर सिलीगुड़ी के निकट फांसीदेवा इलाके में भी पिछले 2 दिनों से तेंदुए का आतंक है. मिली जानकारी के अनुसार फांसी दवा के नयनजोत गांव के लोग पिछले 2 दिनों से तेंदुए के आतंक से डरे हुए हैं.
बुधवार की रात को तेंदुआ ने इस गांव के एक बकरे पर हमला बोल दिया था. गांव के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से एक तेंदुए को गांव में घूमते देखा जा रहा है. इसी कारण से वह लोग डरे हुए हैं. इस गांव के लोग अपने-अपने घरों का दरवाजा बंद कर रह रहे हैं. इस बात की जानकारी वन विभाग को भी दी गई है.
सिंघीझोरा में मिले पैर के निशान
इधर,जू अथॉरिटी के सचिव विनोद कुमार यादव का कहना है कि तेंदुए के तो कोई पता नहीं चला है परंतु सिंघीझोरा इलाके में तेंदुए के पैर के निशान पाये गए है. कुल तीन स्थानों पर तेंदुए के पैर के निशान देखे गये. इसलिए उस इलाके में विशेष पेट्रोलिंग की जा रही है.100 से भी अधिक वनकर्मी तेंदुए की तलाश में लगे हुए हैं.

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