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सिलीगुड़ी : लोगों ने दी देवी दुर्गा को विदाई

पूजा पंडालों पर सिंदूर खेला की भी रही धूम महानंदा नदी पर भक्तों का लगा तांता सिलीगुड़ी : पिछले 9 दिनों तक शारदीय नवरात्र की पूजा के बाद शुक्रवार को पूरे देश के साथ शहर सिलीगुड़ी में विजयादशमी का महापर्व मनाया गया. विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस […]

पूजा पंडालों पर सिंदूर खेला की भी रही धूम
महानंदा नदी पर भक्तों का लगा तांता
सिलीगुड़ी : पिछले 9 दिनों तक शारदीय नवरात्र की पूजा के बाद शुक्रवार को पूरे देश के साथ शहर सिलीगुड़ी में विजयादशमी का महापर्व मनाया गया. विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों में सुहागिनों द्वारा सिंदूर खेला के बाद माता को नम आंखों से विदाई दी जाती है.
मां दुर्गा के विसर्जन को ध्यान में रखते हुए सिलीगुड़ी का लाल मोहन मैलिक निरंजन घाट (महानंदा नदी) सज उठा था. जिसे देखने के लिए सिलीगुड़ी के साथ ही आसपास के इलाकों से भी लोगों की भारी भीड़ इकठ्ठा हुयी थी. शुक्रवार सुबह से ही भक्त गाजे बाजे के साथ मां दुर्गा के मूर्ति को विसर्जित करने के लिए पहुंच रहे थे.
आधी रात तक विसर्जन का क्रम जारी था. दशमी के दिन छोटे बड़े सभी पूजा को मिलाकर कुल 252 मूर्तियां विसर्जित की गई. इस दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी ना हो इस बात का ध्यान रखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये थे. शुक्रवार के बाद शनिवार को भी दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर जारी था.
दुर्गा पूजा बंगाल में मनाये जाने वाले मुख्य त्योहारों में से एक है. वैसे तो महालया के बाद से दुर्गा पूजा का आगाज हो जाता है. लेकिन खास कर विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों में षष्ठी के दिन से देवी दुर्गा की आराधना शुरु होती है. जहां दशमी के दिन मां दुर्गा का विसर्जन किया जाता है.
शुक्रवार को दशमी के दिन विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों में सिंदूर खेला के बाद मां दुर्गा की विदाई की गई. इस उपलक्ष में सिलीगुड़ी के विभिन्न छोटी बड़ी नदियां महानंदा, पंचनई, साहु नदी, नौकाघाट आदि में देवी की प्रतिमाएं विसर्जित की गयी. विजयादशमी के उपलक्ष में सिलीगुड़ी के लाल मोहन मौलिक निरंजन घाट पर मेले जैसा माहौल था. जहां विभिन्न पूजा कमेटियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाओं को बैंड बाजे व जुलूस के साथ विसर्जन के लिए लाया जा रहा था.
जहां लोग मस्ती में नाजते झुमते भी नजर आये. इतना ही नहीं दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए पूजा कमेटियों द्वारा जुलूस में झांकियों को भी शामिल किया गया था. शहर के एयरव्यू मोड़, हिलकार्ट रोड, सेवक मोड़, वेनस मोड़ तक सड़क को बंद रखा गया था. ताकि विसर्जन के लिए आये पूजा आयोजक कमेटियों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो. दुर्गा पूजा विसर्जन को देखते हुए शहर में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये थे.
काफी रात तक पुलिस के आला अधिकारियों को भी घाटों का दौरा करते देखा गया. इस विषय पर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के डिप्टी पुलिस कमिश्नर गौरव लाल ने बताया कि दुर्गा पूजा को ध्यान में रखते हुए शहर की सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत की गई है. शुक्रवार को 252 मां दुर्गा के प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. जिसमें 157 क्लब तथा 95 घर एवं अपार्टमेंट की प्रतिमाएं शामिल थीं. वहीं पार्वती देवी घाट पर भी 22 दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया.
श्री लाल ने आगे बताया कि अगले 22 अक्टूबर तक पूजा कमेटियों को विसर्जन करने की अनुमती दी गई है. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि रविवार तक सभी कमेटियों द्वारा विसर्जन का कार्य हो जायेगा. शनिवार को भी विसर्जन का दौर जारी है. खबर लिखे जाने तक शनिवार शाम तक 7 मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ. जिसमें 6 क्लब तथा 1 घर की प्रतिमा शामिल है.

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