सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम की मेयर गंगोत्री दत्ता के इस्तीफे के बाद संकट और गहरा गया है. नगर निगम की सारी सेवाएं इससे प्रभावित हो रही है. 20 मई के बाद से अब तक चार दिन गुजर गये हैं, लेकिन नये मेयर की नियुक्ति या फिर अन्य कोई वैकल्पिक उपाय किये जाने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. सिलीगुड़ी नगर निगम के कमिश्नर सोनम वांग्दी भूटिया को अभी भी राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार है.
नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेयर के इस्तीफे के बाद कमिश्नर ने एक रिपोर्ट राज्य सरकार के नगरपालिका विभाग के सचिव को भेज दी थी. उस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है. लेकिन अब तक ना तो यहां नये मेयर की नियुक्ति की दिशा में कोई पहल हुई है और ना ही प्रशासक की नियुक्ति पर कोई फैसला लिया गया है. फलस्वरूप शहरी क्षेत्र में सिलीगुड़ी नगर निगम की जो सेवाएं हैं उस पर इसका अच्छा-खासा असर पड़ रहा है. खासकर साफ-सफाई सेवा की स्थिति बदहाल बनी हुई है. मेयर के इस्तीफे के बाद दो तथा पांच नंबर बोरो कमिटी के चेयरमैन ने भी इस्तीफा दे दिया है.
सूत्रों ने आगे बताया कि कचड़ा ढुलाई के कार्य में लगे वाहन मालिकों को पिछले कई महीनों से नगर निगम द्वारा किसी भी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया गया है. मेयर गंगोत्री दत्ता के रहते वाहन मालिकों ने कई बार भुगतान की मांग की थी, यहां तक कि आंदोलन की धमकी भी दी थी. तब गंगोत्री दत्ता ने भुगतान का आश्वासन दिया था. इस बीच, मेयर के इस्तीफे और सिलीगुड़ी नगर निगम के बोर्ड को भंग कर दिये जाने के बाद भुगतान की समस्या और बढ़ गयी है. इसका प्रभाव साफ-सफाई की व्यवस्था पर दिखने लगा है. विभिन्न इलाकों से कई वाहन मालिकों ने कचड़े की ढुलाई बंद कर दी है. जिसकी वजह से सेवक रोड, चम्पासारी, गुरूंग बस्ती, प्रधाननगर, सिलीगुड़ी कालेज के आसपास का इलाका, कचहरी रोड, बर्दमान रोड आदि सहित कई इलाकों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
इससे यहां के आम लोगों में भी रोष है. लोगों का कहना है कि अगर शीघ्र ही कचड़े के ढेर को नहीं हटाया गया, तो कई तरह की बीमारी फैलने की आशंका बनी रहेगी. सिलीगुड़ी नगर निगम में कचड़े की सफाई में लगे ट्रकों के मालिकों का कहना है कि पिछले नौ महीने से नगर निगम ने एक रुपये का भी भुगतान नहीं किया है. ट्रक मालिकों के संगठन के सचिव गोविंद सरकार का कहना है कि सिलीगुड़ी नगर में कोई बोर्ड ही नहीं है. ऐसे में भुगतान को लेकर किनसे बातचीत की जाए, यह स्पष्ट नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा है कि नगर निगम के काउंसिलर से भुगतान की बातचीत की जाएगी. शीघ्र भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में उन्होंने आंदोलन की भी धमकी दी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 29 अप्रैल को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिये जाने के बाद से ही नगर निगम का काम-काज प्रभावित होने लगा है. तब भी ट्रक मालिकों के भुगतान की समस्या थी. स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है. स्थानीय लोगों ने आगे बताया कि गलियों की साफ-सफाई करने वाले नगर निगम के कर्मचारी विभिन्न स्थानों से गंदगी उठाकर एक निर्दिष्ट स्थान पर जमा कर देते हैं. वहां से ट्रक द्वारा कचड़े को उठा कर डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है. लेकिन इस काम में लगे ट्रकों ने कई स्थानों से कचड़े की ढुलाई बंद कर दी है. इसी कारण से इस समस्या ने इतना गंभीर रूप धारण कर लिया है. आने वाले दिनों में इस समस्या के और भी गहराने की आशंका व्यक्त की जा रही है. ऐसे में राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम के भविष्य को लेकर शीघ्र ही कोई फैसला नहीं किया, तो स्थिति और भी अधिक बिगड़ सकती है.