बालुरघाट : दक्षिण दिनाजपुर जिले में भी चुनाव बाद राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां-जहां तृणमूल के प्रत्याशी कामयाब नहीं हो सके हैं वहां वाम फ्रंट और भाजपा के नेताओं के घरों पर हमले हो रहे हैं. इस वजह से बालुरघाट और हरिरामपुर ब्लॉक क्षेत्रों से करीब 30 परिवार गांव छोड़ चुके हैं.
बार-बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप भी लगे हैं. इससे प्रभावित इलाकों में तनाव कायम है.बालुरघाट ब्लॉक की भाटपाड़ा ग्राम पंचायत के तहत खिदिरपुर-चरपाड़ा और हरिरामपुर थानांतर्गत सैयदपुर अंचल के चार मौजा इलाकों में दहशत का माहौल है. आरोप है कि पश्चिम खिदिरपुर-चरपाड़ा के तीन नंबर बूथ इलाके में मतदान के बाद ही बाइक वाहिनी के लोगों ने देर रात को गांव में हमला बोला. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी पम्पा शील के घर में तोड़फोड़ की.
वहां से प्रत्याशी अपने पति और तीन नाबालिग बच्चों को लेकर किसी तरह जान बचाकर भागीं. उसके बाद उनके पड़ोसी और भाजपा के बूथ अध्यक्ष उत्पल मंडल और समर्थक रिना सेन व अन्य के घरों को भी क्षतिग्रस्त किया गया. अभी भी इलाके में हमले जारी हैं. गांव से 20 परिवार पलायन कर चुके हैं. इनमें से कई ने बालुरघाट स्थित जिला भाजपा कार्यालय में शरण ले रखी है. इसी तरह हरिरामपुर थानांतर्गत सैयदपुर अंचल के चार मौजा के वाम फ्रंट के समर्थक घर छोड़ चुके हैं.
ग्राम पंचायत में कामयाबी नहीं मिलने से गुस्साये तृणमूल समर्थकों ने इनके घरों को क्षतिग्रस्त किया है. उल्लेखनीय है कि सैयदपुर ग्राम पंचायत की कुल 17 सीटों में से माकपा को 10, तृणमूल को 2, भाजपा को 2, निर्दलीय को एक सीट मिली है. बाकी दो सीटों आबातपुर और खयेरबाड़ी में भी माकपा की जीत हुई है. लेकिन इस जीत को सत्तापक्ष पचा नहीं पा रहा है. आरोप है कि तृणमूल के अंचल नेता हातेम अली के नेतृत्व सशस्त्र समाज विरोधियों ने वाम फ्रंट समर्थकों को मतगणना केंद्र से बाहर कर दिया था.
उसके बाद ही दोनों सीटों के परिणाम स्थगित कर दिये गये हैं.अपना घर छोड़ चुके भाटपाड़ा ग्राम पंचायत के भाजपा के बूथ अध्यक्ष उत्पल मंडल ने बताया कि समाज विरोधियों के उपद्रव से वह आज तक अपने घर लौट नहीं सके हैं. पुलिस के सामने ही हमले हो रहे हैं. सैयदपुर अंचल के वाम फ्रंट कार्यकर्ता मोहम्मद जमशेद अली ने बताया कि तृणमूल समर्थित समाज विरोधियों के भय से अभी तक गांव के लोग यहां आ नहीं पा रहे हैं. जान के डर से बहुत लोग गांव छोड़ चुके हैं. जमशेद अली ने कहा कि अगर जल्द हालात को काबू नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा.