जलपाईगुड़ी : श्रमिक असंतोष की घटना के बाद डुआर्स के बानरहाट थाना क्षेत्र स्थित हल्दीबाड़ी चाय बागान में हालात सामान्य हो गये थे, लेकिन शुक्रवार की सुबह बागान प्रबंधन की ओर से अचानक लॉक आउट का नोटिस लटका मिला. इसके चलते करीब 3500 श्रमिक फिलहाल बेकार हो गये हैं. चाय बागान मालिकों के संगठन ने इसके लिए श्रमिकों को ही जिम्मेदार ठहराया है.
उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार की सुबह मांगों को लेकर बागान श्रमिक गेट मीटिंग के बाद बागान मैनेजर विवेकानंद मंडल से बात करने पहुंचे थे. आरोप है कि इसी दौरान मैनेजर ने महिला श्रमिकों के साथ बदतमीजी की. इसके बाद श्रमिक मैनेजर को उनके कक्ष से निकाल उन्हें साथ लेकर जुलूस की शक्ल में बानरहाट थाने के लिए निकल पड़े. पांच किलोमीटर दूर बिन्नगुड़ी में बड़ी मुश्किल से पुलिस ने उन्हें छुड़ाया. हलदीबाड़ी चाय बागान की श्रमिक नेता ज्योति मुंडा ने बताया कि मौजूदा मैनेजर अंग्रेजों की तरह शासन करते हैं. हमारी मांगों को लेकर वह कुछ सुनना ही नहीं चाहते. इसी वजह से उनके साथ हमारा झमेला हुआ. फिर भी हम नहीं चाहते हैं कि बागान बंद हो. हम बस इतना चाहते हैं कि इस मैनेजर को अब बागान में नहीं घुसने दिया जाये और बागान जल्द खुलें.
इधर, मैनेजर से भी संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. बागान मालिकों के संगठन डुआर्स ब्रांच ऑफ इंडियन टी एसोसिएशन (डीबीआइटीए) के सचिव सुमंत गुहा ठाकुरता ने कहा कि मैनेजर को जूतों की माला पहनाकर पांच किलोमीटर पैदल चलाने की घटना निंदनीय है. श्रमिकों के ऐसे व्यवहार से बागान चलाना मुश्किल हो जायेगा. इसी कारण से बागान में लॉक आउट किया गया है. वहीं, डिप्टी लेबर कमिश्नर पार्थ विश्वास ने कहा कि हमें अभी तक आधिकारिक रूप से किसी पक्ष ने जानकारी नहीं दी है. दूसरों से जरूर बागान बंद होने की खबर मिली है. आगामी बुधवार को समस्या के समाधान के लिए त्रिपक्षीय बैठक बुलायी गयी है. उल्लेखनीय है कि बुधवार को हुए झमेले के बाद समझौते की कोशिश शुरू हुई थी. श्रमिक पक्ष और मालिक पक्ष के बीच 27 तारीख को डीबीआइटीए में बैठक की बात कही गयी थी, लेकिन अब इस पर संशय उत्पन्न हो गया है.
हलदीबाड़ी चाय बागान कांड को लेकर क्षुब्ध मालिक पक्ष ने बागान मैनेजर पर हमला करनेवालों पर प्रशासनिक कदम उठाये जाने की मांग की है. डीबीआइटीए ने शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन करके कहा कि हलदीबाड़ी बागान की घटना स्तब्ध करनेवाली है. इससे डुआर्स का संपूर्ण चाय उद्योग चितिंत है. इस घटना ने केवल उत्तर बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश के चाय उद्योग को झकझोर कर कर रख दिया है. ऐसे में बागान बंद करने के अलावा मालिक पक्ष के पास दूसरा उपाय नहीं था. इस घटना को लेकर हमलोगों ने बागान मालिकों की एक बैठक बुलायी है. इसमें अगले कदम के बारे में फैसला लिया जायेगा.