विमल ने पहाड़ को अशांत किया, यह साबित हो गया
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खत्म हुआ विमल गुरुंग व रोशन गिरि का अस्तित्व
विमल ने पहाड़ को अशांत किया, यह साबित हो गया जो अब भी उनके साथ, वे अब इस पर विचार करें दार्जिलिंग : अब विमल गुरुंग और रोशन गिरि का अस्तित्व खत्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के विमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के बाद यह बात गोजमुमो अध्यक्ष सह जीटीए प्रशासक […]
जो अब भी उनके साथ, वे अब इस पर विचार करें
दार्जिलिंग : अब विमल गुरुंग और रोशन गिरि का अस्तित्व खत्म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के विमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के बाद यह बात गोजमुमो अध्यक्ष सह जीटीए प्रशासक बोर्ड के चेयरमैन विनय तमांग ने कही. उन्होंने अदालती फैसले का स्वागत करते हुए कहा : ‘कानून सबके लिए बराबर है. जो भी भारत माता के खिलाफ काम करेगा उसे दंड जरूर मिलेगा.’
गुरुवार को जैसे ही विमल गुरुंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी पहुंची पहाड़ पर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गयीं. जीटीए मुख्यालय लाल कोठी में पत्रकारों के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विनय तमांग ने कहा कि पहाड़ से भागे हुए नेता विमल गुरुंग के विरुद्व निर्वाचित सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की साजिश, बम विस्फोट, हत्या, अवैध हथियार रखने जैसे मामले पिछले साल आंदोलन के दौरान दायर किये गये थे. विमल गुरुंग ने इन सारे मामलों को बंगाल सरकार की साजिश बताते आ रहे थे, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने विमल गुरुंग द्वारा दायर सभी मामलों को खारिज कर दिया है.
श्री तमांग ने कहा : जिस दौरान पहाड़ की अवस्था भयानक बनी हुई थी, उस दौरान मैंने और अनित थापा ने पहाड़ को बचाने के लिए कदम उठाया. तब विमल गुरुंग और उनके समर्थकों ने हमारे ऊपर पहाड़ विरोधी, जाति विरोधी, गोरखालैंड विरोधी होने का आरोप लगाया था, लेकिन हम लोग न पहाड़ विरोधी हैं, न जाति विरोधी और न गोरखालैंड विरोधी है. हमने तो बस पहाड़ में शांति लौटाने के लिए यह कदम उठाया था.
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से यह साफ होता है कि विमल गुरुंग ने पहाड़ में अशांति फैलाने का कार्य किया था. अदालती फैसले से अब विमल गुरुंग ओर रोशन गिरी का अस्तित्व समाप्त हो गया है. अब भी जो विमल गुरुंग के साथ हैं, उन लोगों के लिए यह सोचने का समय है.
वायरल ऑडियो की जांच के लिए लिखा पत्र
हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो रिकॉर्ड के बारे में विनय तमांग ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व गृह विभाग के अधिकारियों से शुक्रवार को पत्राचार किया गया है. इस पत्र में ऑडियो रिकॉर्ड की न्यायिक जांच कराने की मांग की गयी है. जांच में यदि सदर थाने के आइसी सौम्यजीत राय दोषी पाये जाते हैं तो उन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिए. लेकिन, यदि किसी ने झूठा ऑडियो वायरल किया है तो उसको भी सजा मिलनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि विमल गुरुंग ने आरोप लगाया था कि मोर्चा नेताओं को पुलिस अधिकारी मां-बहनों के साथ दुष्कर्म की धमकी दे रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने एक ऑडियो भी जारी किया था. विनय तमांग ने इस मामले में दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलुवालिया की भूमिका की निंदा की है.
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