बालुरघाट: प्रत्यर्पण समझौते के तहत 2 बांग्लादेशी नाबालिगों को सोमवार को उनके परिवारों के हाथों सौंप दिया गया. काम की तलाश में दोनों सीमापार कर अवैध रुप से भारत में प्रवेश कर गये थे. इसके बाद पुलिस एवं बीएसएफ ने इन्हें पकड़ लिया. इसी बीच कानूनी दावपेंच में लगभग डेढ़ साल बीत गये. आखिरकार स्वयंसेवी संगठन चाइल्ड लाइन की मदद से इन नाबालिगों को हिली इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर उनके परिवारों को सौंप दिया गया.
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सौहार्द्र: डेढ़ साल पहले अवैध रूप से घुस आये थे नाबालिग, वापस भेजे गये दो बांग्लादेशी
बालुरघाट: प्रत्यर्पण समझौते के तहत 2 बांग्लादेशी नाबालिगों को सोमवार को उनके परिवारों के हाथों सौंप दिया गया. काम की तलाश में दोनों सीमापार कर अवैध रुप से भारत में प्रवेश कर गये थे. इसके बाद पुलिस एवं बीएसएफ ने इन्हें पकड़ लिया. इसी बीच कानूनी दावपेंच में लगभग डेढ़ साल बीत गये. आखिरकार स्वयंसेवी […]
जानकारी मिली है कि सुमन भुंइया (16), पिता का नाम उमेद भुंइया बांग्लादेश के शाकराइल के फरीदपुर गांव निवासी है. वह लगभग डेढ़ साल पहले हिली बॉर्डर से अवैध रुप से भारत में प्रवेश करने के दौरान बीएसएफ के हाथों पकड़ा गया था. जबकि बांग्लादेश के सिराजगंज निवासी मेहदी हसन (16), पिता का नाम अबुल कादेर को बालुरघाट रेलवे स्टेशन से पुलिस ने बरामद किया. जुवेनाइल कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को बालुरघाट के शुभायन होम में रखा गया था. इसके बाद दोनों देशों के हाइ कमिशन की मदद से सोमवार को बीएसएफ एवं बीजीबी के अधिकारियों, हिली इमिग्रेशन चेकपोस्ट के दोनों देशों के अधिकारियों एवं सिनी के सदस्यों की उपस्थिति में उनलोगों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया.
इस मामले में चाइल्ड लाइन के जिला को-ऑर्डिनेटर सूरज दास ने बताया कि हिली एवं बालुरघाट के सीमांत इलाके में अवैध रुप से प्रवेश करने के आरोप में पुलिस एवं बीएसएफ ने दो बांग्लादेशी नाबालिगों को गिरफ्तार किया था. सोमवार को उनका प्रत्यार्पण कर दिया गया.
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