कोलकाता.
आतंकवाद का मुकाबला करने का भारत का संकल्प दृढ़ व अटल है, जो नैतिक स्पष्टता और वैश्विक शांति को बनाये रखने की सामूहिक इच्छा पर आधारित है. ये बातें सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहीं, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा : शुक्रवार को मुझे जकार्ता में नहदलातुल उलमा एग्जीक्यूटिव बोर्ड (पीबीएनयू) के चेयरमैन केएच उलिल अबशार अब्दुल्ला के साथ सार्थक बातचीत करने का अवसर मिला. हमारी चर्चा ने अंतर-धार्मिक समझ को मजबूत करने और एकता व दृढ़ विश्वास के साथ चरमपंथी विचारधाराओं का सामना करने के लिए लोकतांत्रिक समाजों की साझा जिम्मेदारी की पुष्टि की. हमने जकार्ता में गांधी मेमोरियल स्कूल का भी दौरा किया, जहां हमने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की और गांधी सेवा लोक एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बातचीत की. यह गांधीजी के कालातीत संदेश, अहिंसा, न्याय और मानवीय गरिमा के आह्वान की एक गंभीर याद दिलाता है. हमने भारतीय प्रवासियों के व्यापारिक और सामुदायिक नेताओं के साथ भी बातचीत की.मैंने इस बात पर जोर दिया कि वे भारत की बहुलता और विविधता के जीवंत राजदूत हैं, जो हमारे संविधान के मूल्यों को कायम रखते हैं और अपने योगदान के माध्यम से दुनिया भर में भारत की छवि को मजबूत करते हैं.
जकार्ता बंगाली एसोसिएशन (जेएबीए) के प्रतिनिधियों से मिलने और बातचीत करने का भी सौभाग्य मिला. घर से इतनी दूर परिचित बंगाली चेहरों को देखना वाकई उत्साहजनक था. भारत एक भागीदार के रूप में, एक लोकतंत्र के रूप में और एक ऐसे राष्ट्र के रूप में अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है, जो मानता है कि हिंसा का सबसे मजबूत जवाब शांति है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है