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नदिया की मनु का दर्द : मां ने कर ली दूसरी शादी, कहां से लाए पिता का डेथ सर्टिफिकेट

SIR Hearing West Bengal: मनु बचपन से ही तिमिर घोष को पिता मानकर बड़ी हुई. आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित उसके सभी दस्तावेजों में पिता का नाम तिमिर घोष है. वर्तमान में मनु शादीशुदा है और उसके ससुराल के पते में भी पिता के तौर पर तिमिर घोष का ही नाम दर्ज है.

SIR Hearing West Bengal: पश्चिम बंगाल में एसआईआर की सुनवाई के दौरान नदिया जिले के राणाघाट में एक युवती को ऐसे सवालों का सामना करना पड़ा, जिसने उसकी निजी जिंदगी के पुराने घावों को हरा कर दिया. सुनवाई के दौरान पिता का डेथ सर्टिफिकेट मांगे जाने पर युवती फूट-फूट कर रोने लगी. उसकी भावनात्मक स्थिति को देख सुनवाई के लिए बुलाये गये अन्य लोग भी राणाघाट सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने इकट्ठा हो गये.

राणाघाट की मनु मित्रा का 1997 में हुआ जन्म

राणाघाट की रहने वाली मनु मित्रा का जन्म वर्ष 1997 में हुआ था. उसके जन्म प्रमाण पत्र और शुरुआती स्कूल रिकॉर्ड में पिता का नाम प्रबीर दास दर्ज है. हालांकि, मनु के स्कूल जाने के कुछ समय बाद ही उसके माता-पिता अलग हो गये और वह अपनी मां के साथ रहने लगी. इसके बाद उसकी मां ने राणाघाट के दक्षिणपाड़ा निवासी तिमिर घोष से दूसरी शादी कर ली.

SIR Hearing West Bengal: तिमिर घोष को पिता मानकर बड़ी हुई मनु

मनु बचपन से ही तिमिर घोष को पिता मानकर बड़ी हुई. आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित उसके सभी दस्तावेजों में पिता का नाम तिमिर घोष है. वर्तमान में मनु शादीशुदा है और उसके ससुराल के पते में भी पिता के तौर पर तिमिर घोष का ही नाम दर्ज है.

2002 की वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं है मनु की मां का नाम

समस्या वर्ष 2002 की वोटर लिस्ट से जुड़ी है, जिसमें मनु की मां का नाम दर्ज नहीं है. नियमों के अनुसार, इस स्थिति में जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है. जन्म प्रमाण पत्र में पिता का नाम प्रबीर दास है. इसलिए सुनवाई के दौरान अधिकारियों ने मनु से जन्म देने वाले पिता का डेथ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने को कहा.

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2 दशक पहले ही टूट गया जैविक पिता से संबंध

यह सुनते ही मनु भावुक हो गयी. उसने बताया कि उसके माता-पिता का रिश्ता करीब 2 दशक पहले टूट गया. तब से उसका अपने जैविक पिता से कोई संपर्क नहीं रहा. उसने सुना था कि कुछ वर्ष पहले उनके पिता का निधन हो गया, लेकिन उनके मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी या पहुंच उसके पास नहीं है.

पहचान और अधिकारों के लिए चिंतित मनु

प्रशासनिक भवन के सामने रोते हुए मनु ने कहा कि जिस व्यक्ति ने उसे पाला-पोसा और जिसे वह अपने पिता के रूप में जानती है, उसी का नाम उसके सभी दस्तावेजों में दर्ज है. अब जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उससे ऐसे व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है, जिससे उसका वर्षों से कोई संबंध नहीं है. उसने आशंका जतायी कि यदि नाम हटा दिया गया, तो उसकी पहचान और अधिकारों का क्या होगा.

मनु को नहीं मिला ठोस भरोसा

सुनवाई के बाद बाहर निकले लोगों ने युवती को रोते देख सहानुभूति जतायी. अधिकारियों ने बताया कि मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है. हालांकि, कागजी प्रक्रिया और भावनात्मक सच्चाई के बीच फंसी मनु को कोई ठोस भरोसा नहीं मिल सका है.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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