कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 25 सप्ताह की गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है. न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने एसएसकेएम अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड को युवती का गर्भपात करने का निर्देश दिया है. कानूनी प्रावधानों के अनुसार, दुष्कर्म के कारण गर्भवती हुई पीड़िता 24 सप्ताह तक बिना किसी अनुमति के गर्भपात करा सकती है. हालांकि, इस मामले में पीड़िता 24 सप्ताह की समय सीमा पार कर चुकी थी, जिसके कारण उसे गर्भपात की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करनी पड़ी. पीड़िता के अनुसार, दिसंबर 2024 को उसके साथ दुष्कर्म हुआ था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गयी थी. इस घटना के बाद से वह गंभीर मानसिक अवसाद से जूझ रही है. मेडिकल रिपोर्ट में भी यह सामने आया कि जब पीड़िता ने गर्भपात का फैसला किया, तब तक गर्भ 24 सप्ताह से अधिक का हो चुका था. इसी कारण पीड़िता ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने उसे गर्भपात की अनुमति प्रदान कर दी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है