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शिक्षकों के 14052 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ

दूर्गापूजा से पहले उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पद के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को कलकत्ता हाइकोर्ट से बड़ी खुशखबरी मिली है. लगभग आठ साल से उच्च प्राथमिक स्कूलों में लंबित 14 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.

उच्च प्राथमिक स्कूल : हाइकोर्ट ने मेरिट लिस्ट जारी करने और काउंसेलिंग के लिए दिया आदेश

एसएससी को चार सप्ताह के अंदर नयी मेरिट लिस्ट प्रकाशित करनी होगी

संवाददाता, कोलकातादूर्गापूजा से पहले उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पद के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को कलकत्ता हाइकोर्ट से बड़ी खुशखबरी मिली है. लगभग आठ साल से उच्च प्राथमिक स्कूलों में लंबित 14 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. बुधवार को न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती व न्यायाधीश पार्थसारथी चटर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 14 हजार से अधिक रिक्त पदों पर नियुक्तियों को मंजूरी देते हुए नये सिरे से मेरिट लिस्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया. हाइकोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को अगले चार सप्ताह के भीतर इस सूची को जारी करने को कहा है. इसके बाद, आगामी चार सप्ताह में काउंसेलिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी. हाइकोर्ट ने 14052 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है, जिसमें पिछले पैनल में जिन 1463 अभ्यर्थियों का नाम नहीं था, उनका नाम भी शामिल कर नये सिरे से पैनल सूची प्रकाशित करने का आदेश हाइकोर्ट ने दिया है. बताया गया है कि राज्य के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2016 में उच्च प्राथमिक स्कूलों में 14339 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. इसमें कहा गया था कि 2011 व 2015 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) उत्तीर्ण छात्र इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद वर्ष 2019 में इंटरव्यू के लिए सूची प्रकाशित की गयी थी, जिस पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी.

2020 में हाइकोर्ट की न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने पूरे पैनल को रद्द कर दिया था और नये सिरे से पैनल प्रकाशित करने का आदेश दिया था. इसके बाद नये सिरे से तालिका प्रकाशित की गयी, लेकिन इसके खिलाफ हाइकोर्ट में मामला हुआ. इस बार मामले की सुनवाई तत्कालीन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की एकल पीठ पर हुई और न्यायाधीश ने नयी सूची पर स्थगनादेश लगा दिया. इसके बाद यह मामला खंडपीठ में गया. खंडपीठ ने 2023 में पैनल प्रकाशित करने की अनुमति दी थी. हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एसएससी पैनल तो जारी कर सकता है, लेकिन किसी भी उम्मीदवार की नियुक्ति की सिफारिश नहीं कर सकता. 18 जुलाई 2024 को न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायाधीश पार्थसारथी चटर्जी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई पूरी की और बुधवार को फैसला सुनाया. इस मामले में उच्च प्राथमिक स्तर की भर्ती प्रक्रिया में कई खामियों के आरोप लगे थे, जिसके आधार पर हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. 2023 में इंटरव्यू प्रक्रिया से 1463 उम्मीदवारों को केवल अनुमानों के आधार पर बाहर कर दिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस निर्णय के पीछे के कारणों को उम्मीदवारों को नहीं बताया गया. एसएससी ने चार बार इस प्रक्रिया की समीक्षा की, जिसके बाद 74 उम्मीदवारों को इंटरव्यू से बाहर कर दिया गया. इसमें भी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, ऐसा आरोप याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अदालत में लगाया.

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