अप्रैल 2025 में 6193 आरोपियों से 7.6 लाख जुर्माना वसूला गया कोलकाता. रेलवे परिसर साफ रखने के लिए रेलवे द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. हालांकि अब रेलवे उन यात्रियों से सख्ती से निपट रहा है, जिसके ऊपर रेलवे के स्वच्छता अभियानों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. सियालदह मंडल की बात करें तो इस वर्ष अप्रैल में 6,193 लोगों को रेलवे परिसर में थूकने के आरोप में पकड़ा गया. इन यात्रियों पर आरपीएफ और रेल अधिकारियों की मौजूदगी में जुर्माना किया गया और 7,61,070 रुपये भारी-भरकम जुर्माना वसूला गया. रेलवे को गंदा करनेवालों के खिलाफ यह अभूतपूर्व विशेष अभियान पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद देउस्कर के मार्गदर्शन में पूरे मंडल में चलाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि रेलवे परिसर सहित सार्वजनिक स्थानों पर थूकना वास्तव में भारतीय रेलवे (रेलवे परिसर में सफाई को प्रभावित करनेवाली गतिविधियों के लिए दंड) नियम, 2012 के तहत दंडनीय अपराध है. रेल सेक्शन 3 (बी) रेलवे परिसर में थूकने वालों को रोकने और सेक्शन-4 इस नियम का उल्लंघन करने पर 500 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. रेलवे परिसर में गंदगी फैलाने वालों की संख्या चिंता का विषय है. सियालदह मंडल के डीआरएम राजीव सक्सेना कहते हैं कि एक ही महीने में इतने सारे लोगों को थूकने के मामलों में पकड़ा जाना, काफी निराशाजनक है. हालांकि हम इन अभियानों के माध्यम से सख्त कार्रवाई कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि लोग रेल परिसर को साफ रखने में खुद ही दिलचस्पी लें और इसे साफ-सुथरा रखने में हमारी मदद करें. रेलवे परिसर की स्वच्छता बनाये रखना एक सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है.
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