कोलकाता. केंद्र की आयुष्मान भारत योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने शुक्रवार को बड़ा अभियान चलाया. अभियान के तहत पश्चिम बंगाल समेत झारखंड, नयी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के करीब 21 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. बंगाल में दो जगहों पर अभियान चलाया गया. यहां मध्य व दक्षिण कोलकाता में इडी के अधिकारियों ने छापेमारी की. उनके साथ सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के जवान भी साथ थे. बताया जा रहा है कि कोलकाता में डाटा एंट्री ऑपरेटर व हवाला कारोबार से जुड़े कार्यालय में अभियान चलाया गया. इस दौरान दस्तावेज व डिजिटल उपकरण भी जब्त किये गये हैं. हालांकि, जांच के बाबत इडी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इनकार किया गया है. इसी दिन झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निजी सचिव के परिसरों सहित विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गयी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह अभियान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत चलाया. झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी (जेएसएएस) से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों और ‘एमडी इंडिया’, ‘सेफवे’, ‘मेडी असिस्ट’ और उनके सहयोगियों जैसे थर्ड-पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) के कार्यालयों पर भी छापेमारी की गयी है. यह छापेमारी इन आरोपों की जांच के तहत की गयी कि कुछ अस्पतालों ने बिना मरीजों को भर्ती किये ही भारी-भरकम बिल बनाकर भुगतान ले लिया. यानी इलाज हुआ नहीं, फिर भी बीमा राशि निकाल ली गयी. इस घोटाले की बुनियाद तो वर्ष 2023 में संसद में पेश कैग रिपोर्ट में ही रख दी गयी थी, जिसमें झारखंड में आयुष्मान योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि सिर्फ झारखंड में ही कम से कम 212 अस्पतालों ने बिना मरीजों के भर्ती हुए बीमा राशि हड़प ली. मतलब दस्तावेजों में मरीज थे, लेकिन हकीकत में नहीं.
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