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डॉ देबाशीष हालदर व डॉ अशफाक उल्ला नैया वापस लौटेंगे काम पर

पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) यानी मास्टर इन मेडिसिन (एमडी) और मास्टर इन सर्जरी (एमएस) की परीक्षा उत्तीर्ण हो चुके चिकित्सकों की मेरिट लिस्ट जारी कर राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें नयी जगह पर पोस्टिंग दी गयी है. हालांकि, इस पोस्टिंग से आरजी कर आंदोलन के तीन प्रधान चेहरे नाराज हैं. बता दें कि डॉ देबाशीष हालदार, डॉ अशफाक उल्ला नैया और डॉ अनिकेत महता शामिल हैं. पर अब देवाशीष और अशफाक उल्ला नये अस्पताल में पोस्टिंग लेने को तैयार हैं.

कोलकाता.

पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) यानी मास्टर इन मेडिसिन (एमडी) और मास्टर इन सर्जरी (एमएस) की परीक्षा उत्तीर्ण हो चुके चिकित्सकों की मेरिट लिस्ट जारी कर राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें नयी जगह पर पोस्टिंग दी गयी है. हालांकि, इस पोस्टिंग से आरजी कर आंदोलन के तीन प्रधान चेहरे नाराज हैं. बता दें कि डॉ देबाशीष हालदार, डॉ अशफाक उल्ला नैया और डॉ अनिकेत महता शामिल हैं. पर अब देवाशीष और अशफाक उल्ला नये अस्पताल में पोस्टिंग लेने को तैयार हैं.

दोनों चिकित्सकों ने वरिष्ठ रेजिडेंट के रूप में काम पर लौटने का फैसला किया है. वरिष्ठ डॉक्टरों के एक वर्ग का कहना है कि वे समझ गये हैं कि गांव में न जाने के उनके फैसले को कोई भी पसंद नहीं कर रहा है. इस वजह से डॉ देबाशीष हालदर, डॉ अशफाक उल्ला नैया ने स्वास्थ्य विभाग की नियमित पोस्टिंग का पालन करते हुए काम पर लौटने का फैसला किया है. पर इन दोनों चिकित्सकों ने सरकार की इस पोस्टिंग के खिलाफ हाइकोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले की सुनवाई पांच जून को उच्च न्यायालय की नियमित पीठ में होने की संभावना है.

गौरतलब है कि हाल ही में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एक नये नोटिस में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की ”नियमित” बॉन्ड पोस्टिंग की घोषणा की. सूची में शामिल सभी चिकित्सक नये पोस्टिंग के तहत काम भी करने लगे. लेकिन तीन डॉक्टर देबाशीष हालदर, अशफाक उल्ला नैया और अनिकेत महता इस ”पोस्टिंग” से नाराज हैं. पोस्टिंग के अनुसार डॉ अनिकेत महता को रायगंज मेडिकल कॉलेज, डॉ अशफाक उल्ला नैया को पुरुलिया के देव महतो मेडिकल कॉलेज और डॉ देवाशीष हालदर को मालदा के गाजोल मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर ज्वाइन करना होगा.

आरोप है कि डॉ देवाशीष हालदार को 27 फरवरी को मेरिट-आधारित काउंोलिंग के जरिये हावड़ा जिला अस्पताल में नियुक्त किया गया था. लेकिन बाद में उनकी पोस्टिंग बदल कर मालदा के गाजोल अस्पताल में कर दी गयी, जबकि वहां उनके विशेषज्ञता विषय की कोई स्वीकृत पद ही मौजूद नहीं है. इसी तरह डॉ अनिकेत और डॉ अशफाक उल्ला नैया, जिन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्यभार संभालना था, उन्हें भी अपनी काउंसेलिंग के आधार पर मिले संस्थानों से हटा कर अन्यत्र भेज दिया गया है. अनिकेत को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अशफाक उल्ला को आरामबाग मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति मिली थी, लेकिन अंतिम मेरिट सूची में उनकी पोस्टिंग रायगंज और पुरुलिया मेडिकल कॉलेज में कर दी गयी.

अब डॉ देवाशीष हालदार का कहना है कि अशफाक उल्ला और मैं काम पर लौट रहे हैं, ताकि, हमारे काम पर न लौटने से लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो. देवाशीष हालधर ने कहा : हम इस काम में शामिल होकर यह स्पष्ट करेंगे कि हमारा आंदोलन सिर्फ हमारा नहीं है. यह आमलोगों का आंदोलन है. उन्होंने कहा कि डॉ अनिकेत महतो अभी रायगंज नहीं जा रहे हैं. वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.

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