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साइबर ठगी के पीड़ित को वापस मिले 2.55 करोड़

ठगे जाने का अहसास होने पर उन्होंने इस वर्ष जनवरी में बारुईपुर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज करायी.

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कोलकाता. दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर जिला पुलिस की तत्परता से साइबर ठगी के शिकार शख्स को करीब 2.55 करोड़ रुपये (2,55,81,427 रुपये) वापस मिले. बुधवार को पीड़ित को पुलिस ने इस राशि का चेक सौंप दिया. इस दिन बारुईपुर जिला पुलिस के एसपी पलाश चंद्र ढाली ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि इतने बड़े परिमाण में ठगी की राशि को वापस पीड़ित को लौटा पाना पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि है. पुलिस की ओर से बताया गया कि नरेंद्रपु्र थाना क्षेत्र के निवासी अमित कुमार कुंडू ने निवेश पर ज्यादा मुनाफा पाने के चक्कर में पिछले साल सितंबर से पांच महीने की अवधि में www.maunto.com नामक एक अंतरराष्ट्रीय निवेश वेबसाइट में कुल 2,55,81,427 रुपये का निवेश किया था. हालांकि, जब उन्होंने अपने निवेश किये गये रुपये को निकालने का प्रयास किया, तो उन्होंने पाया कि वह धनराशि को अपने खाते में वापस स्थानांतरित करने में असमर्थ हैं. ठगे जाने का अहसास होने पर उन्होंने इस वर्ष जनवरी में बारुईपुर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 316(2) व 318(4) के तहत शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की. जांच का जिम्मा पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (एसआइ) सौविक घोष को सौंपा गया था. शिकायत प्राप्त होते ही पूरे लेन-देन को साइबर क्राइम पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया. पोर्टल के डेटा के अनुसार, निवेश की गयी राशि को शुरू में नौ विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से पहले कुल 56,22,727 रुपये फ्रीज किये गये और न्यायालय के आदेश से उतनी ही राशि पीड़ित के बैंक खाते में वापस की प्रक्रिया शुरू हुई. शेष राशि वापस पीड़ित को लौटाने के लिए इन संदिग्ध बैंक खातों तथा उनके उपयोगकर्ताओं से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की गयी तथा पाया गया कि जालसाजों ने गुजरात के अहमदाबाद के एक विशिष्ट क्षेत्र से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया था. अपराध के पीछे मुख्य संदिग्धों की पहचान हो जाने के बाद, जांच दल अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ. वहां, उन्होंने कई व्यक्तियों से पूछताछ की और विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली, जिससे आखिरकार मुख्य जालसाजों की पहचान और उनके संचालन के तरीकों का पता चला. उल्लेखनीय रूप से, मामला दर्ज करने के मात्र 85 दिनों के भीतर, धोखाधड़ी की गयी पूरी राशि 2,55,81,427 रुपये सफलतापूर्वक शिकायतकर्ता को वापस लौटायी जा सकी. घोटाले के पीछे के मास्टरमाइंड और उसके साथियों को गिरफ्तार करने और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के बारे में और सबूत जुटाने के लिए जांच अभी भी जारी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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