कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को योग्य शिक्षकों एवं शैक्षणिक कर्मचारियों की नौकरियां रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. राज्य सरकार अगर कोशिश करती तो योग्य और प्रतिभाशाली लोगों की नौकरियां बच सकती थी. आज वे लोग संकट में पड़ गये हैं. हजारों शिक्षकों का जीवन असुरक्षित हो गया है. शुक्रवार को सीपीआइ और इनके समर्थित संगठनों ने कोलकाता में प्रदर्शन किया. रैली का नेतृत्व सीपीआइ के कोलकाता जिला के सचिव प्रबीर देव, शिक्षक नेता स्वप्न मंडल और एटक के राज्य सचिव बिप्लब भट्ट ने किया. रैली बहूबाजार चौराहे पर संपन्न हुई. रैली में शामिल नेताओं ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुके योग्य शिक्षकों का अब परिवार कैसे चलेगा, इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए. सरकार जानबूझकर भ्रष्ट लोगों को बचाना चाहती थी. ऐसा करने में असमर्थ होने पर उन्होंने सभी योग्य शिक्षकों का भी जीवन दांव पर लगा दिया है. इस संबंध में शिक्षा विभाग, एसएससी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और सरकार की भूमिका पूरी तरह नकारात्मक है.
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