कोलकाता: राज्य में विकास के नाम पर कोई राजनीति नहीं होगी. बंगाल के विकास के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को हर संभव मदद करने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल की ओर से आयोजित ‘ बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मिट ’ के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के बीच भले ही राजनीति मतभेद है, लेकिन यह विकास के रास्ते में कभी बाधक नहीं बनेगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली यहां पर आये हुए हैं और यह जिस प्रकार से गाइड करेंगे और परामर्श देंगे, राज्य सरकार उसी अनुसार कार्य करेगी. लोकतंत्र में एक मजदूर केंद्र व मजबूत राज्य सरकार अगर मिल कार्य करें तो इससे देश को फायदा होगा. विकास की गति तेज होने से केंद्र सरकार को भी फायदा होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ही गुड गवर्नेस की बात करते हैं. गुड गवर्नेस का मतलब है कि गुड रिस्पांस, गुड डेडिकेशन, गुड डिटरमिनेशन. इसे ध्यान में रख कर हमें काम करना होगा. आपकी उपस्थिति ने हमें गौरवांवित किया है और मैं आपकी बहन की भांति मिल कर कार्य करना चाहती हूं.
मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक क्षेत्र सहित विभिन्न कंपनियों ने 93,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का प्रस्ताव पेश किया है, इसमें से 40,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव सेल की तरफ से आया है. उन्होंने कहा कि इस दो दिन के सम्मेलन में कुल निवेश प्रतिबद्धताएं एक लाख करोड़ रुपये का स्तर पार कर जायेंगी.
हालांकि उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात सम्मिट से इस सम्मेलन की तुलना करने से बचते हुए कहा कि दोनों राज्य भिन्न हैं और गुजरात सम्मेलन को इसलिए फायदा मिलता है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस राज्य से हैं. दोनों राज्यों को अपनी-अपनी भूमिका निभाने देना चाहिए. हम दोनों के लिए ही विकास चाहते हैं.
पश्चिम बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मिट के पहले दिन निवेशकों ने बंदरगाह क्षेत्र में 41,600 करोड़ रुपये, जबकि खनन परियोजनाओं में 12,000 करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया. सुश्री बनर्जी ने कहा कि अन्य 40,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता सेल की ओर से की गयी है. सम्मेलन को पूरी तरह से ‘ सकारात्मक एवं सृजनात्मक ’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कई सारी कंपनियों ने राज्य में निवेश की प्रतिबद्धता जतायी है.
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