कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस नेता एवं अभिनेता तापस पाल की मौत के लिए केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बनाया गया ‘दबाव’ और केंद्र सरकार की ‘प्रतिशोध की राजनीति’ जिम्मेदार है. पूर्व सांसद पाल (61) का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को मुंबई में निधन हो गया था.
अभिनेता से नेता बने पॉल रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में आरोपी थे और एक साल से अधिक समय तक जेल में भी रहे थे. वह रोज वैली समूह के ब्रांड एंबेसेडर थे. बनर्जी ने पॉल को श्रद्धांजलि देते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के एक और नेता सुल्तान अहमद की मौत भी दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
West Bengal CM Mamata Banerjee: People are being jailed but Central agencies have not been able to prove their involvement or conclude what crime they committed.
If someone commits a crime, they must face action. But we still don’t know what crime did Tapas Pal & others commit. https://t.co/CsiySXr4wC— ANI (@ANI) February 19, 2020
ममता के अनुसार, वह वर्ष 2017 के नारदा टेप घोटाला मामले में आरोपी बनाये जाने के बाद से तनाव में थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री अहमद का उसी वर्ष निधन हो गया था. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने दावा किया कि पार्टी सांसद प्रसून बनर्जी की पत्नी भी केंद्र की ‘बदला लेने वाली’ राजनीति की पीड़ित रहीं.
प्रसून बनर्जी का नाम भी नारदा टेप घोटाला मामले में आया था और उनसे प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ दोनों ने ही पूछताछ की थी. ममता बनर्जी ने यहां रवींद्र सदन में पत्रकारों से कहा, ‘तापस पॉल पर केंद्रीय एजेंसियों का गहरा दबाव था और वह केंद्र की प्रतिशोध की राजनीति के शिकार हुए.’
West Bengal CM Mamata Banerjee on the death of former TMC MP Tapas Pal: Central govt's pressure has claimed so many lives. Three people died due to this pressure by the agencies. Sultan Ahmed (former TMC MP), TMC MP Prasun Banerjee’s wife passed away and now Tapas Pal. pic.twitter.com/ZmtlV3VeXa
— ANI (@ANI) February 19, 2020
पॉल का पार्थिव शरीर रवींद्र सदन में रखा गया है, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें. ममता बनर्जी ने कहा, ‘तापस पाल की मृत्यु असमय हुई है. वह एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा मानसिक प्रताड़ता का सामना कर रहे थे और उनकी मृत्यु इसी वजह से हुई.’ उन्होंने ‘दादर कीर्ति’ और ‘साहेब’ जैसी फिल्मों में काम के लिए पाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलाकार और अभिनेता कई संगठनों से ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर जुड़े होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन क्या यह ऐसी गलती है, जिसके लिए उन्हें एक वर्ष से अधिक समय जेल में बिताना पड़ा? क्या यह सही है? यह शुद्ध रूप से राजनीतिक प्रतिशोध है.’ उन्होंने कहा कि हत्या के मामलों में भी आरोपपत्र तीन महीने के भीतर दायर कर दिये जाते हैं. ममता ने कहा कि इसी तरह का मामला फिल्म निर्माता श्रीकांत मोहता और एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ था, जिन्हें लंबे समय तक जेल में रखा गया. सीबीआइ ने गत वर्ष जनवरी में जाने-माने बांग्ला फिल्म निर्माता श्रीकांत मोहता को रोज वैली चिटफंड मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.