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मालदा : मालदा कांग्रेस के नेतृत्व से गनी खान परिवार हुआ बाहर

मालदा : उत्तर मालदा की सांसद मौसम नूर के पार्टी छोड़ने के साथ ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का भरोसा कोतवाली भवन से उठ गया है. पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मालदा जिले का नेतृत्व गनीखान परिवार से छीन लिया है. मालदा जिला कांग्रेस का नया अध्यक्ष हरिश्चंद्रपुर के पार्टी विधायक मोश्ताक आलम को बनाया […]

मालदा : उत्तर मालदा की सांसद मौसम नूर के पार्टी छोड़ने के साथ ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का भरोसा कोतवाली भवन से उठ गया है. पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मालदा जिले का नेतृत्व गनीखान परिवार से छीन लिया है. मालदा जिला कांग्रेस का नया अध्यक्ष हरिश्चंद्रपुर के पार्टी विधायक मोश्ताक आलम को बनाया गया है.

एआइसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल के दस्तखतवाली चिट्ठी मंगलवार को नये जिला अध्यक्ष के पास पहुंच गयी है. जिले में दो लोगों को कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया है. ये हैं : मालदा के विधायक भूपेन नाथ हालदार और जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता काली साधन राय. इस तरह जिले की पूरी कमान से गनी खान के परिवार को बाहर कर दिया गया है.

जिला कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि एआइसीसी यह समझ चुकी है कि मालदा जिला कांग्रेस को अब कोतवाली भवन (गनी खान के परिवार का निवास) में भरोसा नहीं बचा है. कृष्णेन्दु चौधरी, सावित्री मित्र जैसे जिले के मजबूत कांग्रेसी नेता पहले ही कोतवाली के वर्चस्व के खिलाफ पार्टी छोड़ चुके हैं.
इन दोनों के जाने के बाद भी पार्टी का टूटना नहीं रुका और 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के दो विधायक समर मुखर्जी और सबीना यास्मीन भी कोतवाली से क्षुब्ध होकर ही तृणमूल में चले गये. मौसम नूर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ तृणमूल में जाने के बाद कोतवाली भवन पर निर्भरता रखने का कोई मतलब ही नहीं रह गया है.
उल्लेखनीय है कि गत दो फरवरी को जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक बुलायी गयी थी. इस बैठक में कोतवाली भवन के प्रति अविश्वास खुलकर सामने आ गया था. बात यहां तक बिगड़ गयी थी कि जिला कमेटी की बैठक तक कोतवाली भवन में नहीं हो सकी थी. बैठक में एकतरफा ढंग से दक्षिण मालदा के सांसद अबु हासेम खान चौधरी ने खुद को पार्टी का जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया. उन्होंने जेब से निकाल कर एक चिरकुट दिखाया और कहा कि इसमें उन्हें जिला अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से निर्देश है.
इसे बैठक में उपस्थित अधिकतर सदस्यों ने स्वीकार नहीं किया. इसके अलावा उत्तर मालदा से ईशा खान चौधरी को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने के अबु हासेम के प्रस्ताव पर भी अधिकतर कमेटी सदस्य सहमत नहीं दिखे. अंत में बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हो गयी.
एआइसीसी के ताजा फैसले पर अबू हासेम ने कहा, ‘कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है. पार्टी ने जो फैसला लिया है, हमलोग उसी के हिसाब से चलेंगे.’ वहीं इस संबंध में नया-नया दायित्व पाने वाले मोश्ताक आलम ने कहा, ‘एक कठिन समय में मुझे यह जिम्मेदारी मिली है. सभी को साथ लेकर चलना होगा. गनी खान चौधरी का हाथ पकड़ कर ही मैं राजनीति में आया हूं और उन्हीं के सपने को पूरा करने के लिए आगे बढ़ूंगा.’

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