कोलकाता :अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि 2011 में उनकी सरकार बनने के बाद पश्चिम बंगाल में शिक्षा के विकास के लिए तेजी से काम हुआ है और शिक्षा के क्षेत्र में बंगाल अब अव्वल स्थान पर है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीटर के माध्यम […]
कोलकाता :अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि 2011 में उनकी सरकार बनने के बाद पश्चिम बंगाल में शिक्षा के विकास के लिए तेजी से काम हुआ है और शिक्षा के क्षेत्र में बंगाल अब अव्वल स्थान पर है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीटर के माध्यम से कहा कि प्रत्येक 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
2011 के बाद पश्चिम बंगाल में शिक्षा संबंधी बुनियादी ढांचे में तेजी से विकास किया गया है. पिछले सात वर्षों में हम लोगों ने 28 नये विश्वविद्यालय स्थापित किये हैं, जबकि 10 और विश्वविद्यालय स्थापना होने की प्रक्रिया में है. इन सात वर्षों में ही 50 नये कॉलेज भी बनाये गये हैं.
उल्लेखनीय है कि विश्व के विकास में शिक्षा के योगदान को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. तीन दिसंबर 2018 को सर्वसम्मति से इस पर सहमति बनी थी कि 24 जनवरी को इस दिवस के रूप में मनाया जायेगा. इसका मुख्य लक्ष्य स्थायी विकास में शिक्षा के महत्व को स्थापित करना है.
इसके अलावा नाइजीरिया में संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलायी जा रही शिक्षा के अभियान को भी सुनिश्चित करने के लिए इस दिन को तय किया गया है. 2030 तक तय किये गये विकास के स्थायी लक्ष्य को पाने में शिक्षा के योगदान के प्रति जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम इस दिन भारत समेत दुनिया भर के 200 से अधिक देशों में आयोजित हो रहे हैं.
बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए क्रांतिकारी योजना है कन्याश्री
कोलकाता : राष्ट्रीय कन्या (बालिका) दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी सरकार द्वारा शुरू की गयी कन्याश्री योजना बच्चियों की शिक्षा के लिए क्रांतिकारी योजनाओं में से एक है. गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किया कि आज राष्ट्रीय कन्या दिवस है.
बच्चियों की शिक्षा के लिए हमारी सरकार द्वारा शुरू की गयी कन्याश्री योजना काफी क्रांतिकारी साबित हुई है. इससे राज्य की बच्चियां ना सिर्फ मजबूत बनी हैं, बल्कि शिक्षा से लेकर समग्र विकास के मामले में भी आगे बढ़ी हैं. यह इस योजना की सफलता ही थी कि वर्ष 2017 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे प्रथम पुरस्कार दिया गया था. इसके जरिये करीब 60 लाख बच्चियां सशक्त बनी हैं.
उल्लेखनीय है कि देश में लड़कियों की दयनीय स्थिति को देखते हुए, उनके लिए देश में अवसरों के नये द्वार खोलने के उद्देश्य से इस दिवस को प्रति वर्ष जनवरी माह की 24 जनवरी को मनाने की शुरुआत की गयी. बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’ की शुरुआत की है, जबकि राज्य की सरकार ने बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कन्याश्री योजना से लेकर शादी में आर्थिक मदद के लिए रूपश्री योजना तक चलायी है, जो काफी सफल साबित हुई है.