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विपक्ष की रैली : ममता बोलीं, मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट खत्म, मोदी बोले, लूटने से रोका तो बना रहे महागठबंधन
23 दलों के नेता, 03 वर्तमान सीएम, 06 पूर्व सीएम, 08 पूर्व केंद्रीय मंत्री पहुंचे कोलकाता : आम चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की सीएम व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में मोदी सरकार के िखलाफ ‘एकजुट भारत रैली’ की. इस रैली में विपक्षी दलों ने एकजुटता का […]
23 दलों के नेता, 03 वर्तमान सीएम, 06 पूर्व सीएम, 08 पूर्व केंद्रीय मंत्री पहुंचे
कोलकाता : आम चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की सीएम व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में मोदी सरकार के िखलाफ ‘एकजुट भारत रैली’ की. इस रैली में विपक्षी दलों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया. कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, राजद, सपा, बसपा, राकांपा समेत करीब 23 दलों के नेताओं के साथ ही भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी ने भी इसमें हिस्सा लिया.
वहां मौजूद सभी नेताओं ने चुनाव में मोदी सरकार को हराने का संकल्प लिया. मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि मोदी सरकार की ‘एक्सपायरी डेट’ (उपयोग करने की अवधि) खत्म हो गयी है. यह समय भाजपा भगाओ व देश बचाओ का है. देश की मौजूदा हालात की तुलना सुपर इमरजेंसी से करते हुए नारा दिया ‘बदल दो, बदल दो, दिल्ली में सरकार बदल दो.’
विपक्षी नेताओं पर सीबीआइ व इडी के चल रहे मामले पर ममता ने कहा कि जब आपने (मोदी सरकार) किसी को नहीं छोड़ा, तो हम लोग आपको क्यों छोड़ेंगे? उन्होंने कहा कि विपक्ष की तरफ से कौन प्रधानमंत्री होगा, इससे मतलब नहीं, बस भाजपा को जाना चाहिए. हम चुनाव बाद तय करेंगे कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा.
तृणमूल प्रमुख ने मोदी सरकार की शैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीति में शिष्टता होती है, लेकिन इसका पालन अब भाजपा नहीं कर रही है. आज जो भाजपा के साथ नहीं हैं, उन्हें चोर बता दिया जाता है. जब कोई सरकार संविधान बदल रही हो, इतिहास व भूगोल बदल रही है, तो संपूर्ण विपक्ष जनता के सहयोग से मोदी सरकार को क्यों नहीं बदल दे? विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनावों से पहले और संयुक्त रैलियां करने का फैसला किया है. अगली रैलियां नयी दिल्ली और आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में होंगी.
कोलकाता : 2019 में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे : हेमंत
कोलकाता : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जिस तरह से सांप्रदायिक ताकतों का बोलबाला बढ़ रहा है, उससे देश में भय का माहौल है. एकता और अखंडता के प्रतीक इस देश में लोग डर कर जी रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से देश और राज्यों को चलाने का प्रयास कर रही है, यह आनेवाले समय में देश में भयावह स्थिति पैदा करनेवाला है. कारोबारी, नौजवान, महिला या किसी जाति समुदाय के लोग खासकर अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासी सरकार का अत्याचार झेल रहे हैं. गुजरात, झारखंड, बंगाल या देश के किसी अन्य राज्य की बात हो, सरकार बनने के बाद से ही लोगों का शोषण शुरू हो गया. ये लोग डरे सहमे हैं. ममता दी ने भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करने का बीड़ा उठाया है. हम सब मिलकर लड़ें, तो भाजपा को जरूर उखाड़ फेंकेंगे.
झारखंड में आदिवासी, दलितों पर अत्याचार का नया इतिहास लिखा जा रहा है. 2019 में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. हेमंत सोरेन ने युवाओं का आह्वान किया कि वे सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ उठें और जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकें.
नयी दिल्ली /सिलवासा : कोलकाता में विपक्षी दलों के एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दलों के प्रस्तावित ‘महागठबंधन’ पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि यह उन लोगों का मेल है, जिन्हें उन्होंने भारत को ‘लूटने’ से रोका है.
उन्होंने कहा कि यह महागठबंधन उनके खिलाफ नहीं, बल्कि देश के लोगों के खिलाफ है. उन्होंने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की विपक्षी रैली को निशाने पर लिया. ममता बनर्जी का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा का सिर्फ एक विधायक है, लेकिन वे हमसे इतना डरे हुए हैं कि वे कह रहे हैं ‘बचाओ’. केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, यह महागठबंधन नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत के लोगों के खिलाफ है.
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी कार्रवाई ने कुछ लोगों को नाराज किया, क्योंकि मैंने उन्हें सार्वजनिक धन लूटने के रोक दिया. उन्होंने ही ‘महागठबंधन’ बनाया है.
उन्होंने कहा कि ये नेता डर से साथ आए हैं. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा राज्य में भाजपा को यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दिये जाने की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री ने कहा कि तृणमूल शासित राज्य में राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रमों की इजाजत भी नहीं है. भाजपा का विरोध कर रहे दलों का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान वहां पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या हुई और वे लोकतंत्र बचाने की बात करते हैं. जो लोग लोकतंत्र का दम घोंटने में शामिल थे, जब वे उसे बचाने की बात करें तो लोग कहेंगे ‘वाह क्या बात है.
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