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कोलकाता : मत्स्य कन्या के रूप में होंगे मां दुर्गा के दर्शन
जल प्रदूषण के प्रति जागरूकता है उद्देश्य कोलकाता : जल ही जीवन है. मनुष्य को अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिए जल को प्रदूषित होने से बचाना बहुत जरूरी है लेकिन आज जल प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. अक्सर देखा जाता है कि कल-कारखानें, छोटे-बड़े नालों का प्रदूषित जल सीधे नदी में […]
जल प्रदूषण के प्रति जागरूकता है उद्देश्य
कोलकाता : जल ही जीवन है. मनुष्य को अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिए जल को प्रदूषित होने से बचाना बहुत जरूरी है लेकिन आज जल प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. अक्सर देखा जाता है कि कल-कारखानें, छोटे-बड़े नालों का प्रदूषित जल सीधे नदी में प्रवाहित हो रहा है और फिर वह जल समुद्र में मिलने से जलीय जीवों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. नदी और समुद्री हिस्सों में जल प्रदूषण से ऐसी नौबत आ गयी है कि जलीय जीव-जंतुओं के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है.
इसके प्रति जागरूकता के लिए उत्तर 24 परगना जिले के सोदपुर के वाटर नीलगंज रोड स्थित वाटर साइट अपार्टमेंट दुर्गापूजा कमेटी ने इस बार जल प्रदूषण पर आधारित थीम तैयार की है. समुद्र में मत्स्य कन्या के रूप में मां दुर्गा को दर्शाया गया है. कमेटी के प्रमुख प्रबीर भट्टाचार्य ने बताया कि 11 साल पहले मात्र 12 परिवारों ने मिलकर पूजा शुरू की थी और आज 166 परिवार मिलकर इसका आयोजन कर रहे हैं.
विशेष बातें
थीम-मत्स्य कन्या के रूप में मां दुर्गा
पूजा की शुरुआत-2007 से
बजट-20 लाख
मूर्ति की ऊंचाई- फीट
उद्घाटन-14 अक्टूबर को विधायक निर्मल घोष के हाथों होगा
पदाधिकारी
मुख्य आयोजक-प्रबीर भट्टाचार्य
अध्यक्ष-दिलीप दास
ज्वाइंट सेक्रेटरी-प्रदीप घोष और विश्वजीत घोष
अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने किया पूजा पंडाल का उद्घाटन
हावड़ा. बालटिकुड़ी सजीव संघ के पूजा पंडाल में इस बार श्रद्धालुओं को 65 फीट ऊंचे महादेव के दर्शन होंगे. कैलाश पर्वत पर साक्षात बैठे महादेव रूपी पंडाल का टॉलीवुड अभिनेत्री ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने उद्घाटन किया.
इस मौके पर एमएमआइसी विभाष हाजरा भी शामिल थे. बालटिकुड़ी सजीव संघ के सचिव वरु मंडल ने बताया कि इस बार पूजा का 64वां साल है. गौरतलब है कि बालटिकुड़ी सजीव संघ ने पिछले साल मां दुर्गा की 50 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया था, जो हावड़ा की सबसे ऊंची प्रतिमा थी.
कोन्ननगर मंदिर में देवी दुर्गा की झांकी
हुगली. अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी द्वारा स्थापित श्री राजराजेश्वरी सेवा मठ में शेर पर सवार मां भगवती की झांकी प्रस्तुत की गयी. मां भगवती के इस दिव्य स्वरूप को देखने के लिए सुबह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. देवी के इस दरबार में परमहंसी गंगा आश्रम से पधारे श्रद्धेय सुरेश जी अवस्थी के पर्यवेक्षण में भव्य नवरात्रि उत्सव मनाया जा रहा है.
चतुर्थी को हुआ उद्घाटन
कोलकाता. इस वर्ष जोड़ासांको सातेर पल्ली सार्वजनिन दुर्गापूजा कमेटी अपने 52वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. सातेर पल्ली की पूजा अपनी अनोखी थीम व साज सज्जा के लिए जानी जाती है.
पूजा कमेटी के अध्यक्ष हैं विनय दुबे व सचिव हैं संजय बक्शी, वहीं कंवेनर हैं सौम्य बक्शी व मुख्य संरक्षक स्मिता बक्शी हैं. इस वर्ष की थीम है ड्रिजल,जिसका अर्थ है बूंदा-बांदी. इस थीम को कलाकार देवाशीष मन्ना पेश किया है. इसका मकसद है लोगों को बचपन की याद दिलाना. बूंदा-बांदी के दौरान मिट्टी की सोंधी खुशबू तथा मेंढक व झिंगुर की आवाज बचपन की याद ताजा कर देती है. वहीं दूसरी ओर यह प्रकृति को भी दर्शाता है.
थीम के अनुसार पंडाल की सजावट के लिए क्रिस्टल बॉल, बबल शीट, प्लाइवुड, प्लाइ बैंड, बांस, लोहे की स्पाइक, कागज व प्लास्टिक नेट का इस्तेमाल किया गया है. जोड़ासांको सातेर पल्ली सार्वजनिन दुर्गापूजा कमेटी पूजा पंडाल का उद्घाटन चतुर्थी यानी शनिवार को तृणमूल के पूर्व विधायक संजय बक्शी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस दौरान विनय दुबे, स्मिता बक्शी, सौम्य बक्शी, मनोज सिंह, पापाई दा, जयदीप दास, स्वप्ना राय व अन्य उपस्थित थे.
स्थापना : 1957
बजट : 15 लाख
कोलकाता : चाहे सब्जी में कितने भी मसाले डाल दिये जायें, लेकिन सब्जी की रंगत एक चुटकी हल्दी डालने से ही बढ़ती है. हल्दी का उपयोग किचन के साथ-साथ हर शुभ कार्य में होता है. इसके साथ ही हल्दी जीवाणु को भी खत्म करती है. हर तरह से ही हल्दी शुभ और फायदेमंद मानी जाती है.
इसी थीम पर आधारित है इस बार का संतोषपुर लेक पल्ली पूजा समिति का दुर्गापूजा पंडाल. जे के मसाला के प्रबंधक निदेशक विजय जैन ने कहा ‘प्रत्येक वर्ष दुर्गा उत्सव के दौरान अपने ग्राहकों के साथ हमारी बहुत ही प्यारी यादें जुड़ी होती हैं. इस वर्ष हमारा पहला कर्तव्य है हम अपने ग्राहकों के लिए इस त्योहार को और भी जायकेदार बना दें’.
पूजा समिति के सचिव सोमनाथ दास ने बताया कि भारतीय परंपरा में हल्दी को शुभ माना जाता है. दुर्गापूजा शुभ की अशुभ पर जीत का त्योहार है. हल्दी एक विषरोधक भी है और मां के नौ रूपों में एक रूप मां अन्नपूर्णा का भी है. किचन में मां अन्नपूर्णा का वास होता है और प्रत्येक महिला में मां अन्नपूर्णा की छवि होती है.
पूरे पंडाल को हल्दी से सजाया गया है. इस पंडाल को तैयार करने में चार टन हल्दी का प्रयोग किया गया है. सोमनाथ ने दावा किया कि देश में पहली बार हल्दी से पंडाल बनाया गया है. हल्दी के साथ-साथ तेजपत्ते, मिर्च और चम्मच का भी इस्तेमाल किया गया है. पंडाल को बनाने में तकरीबन दो महीनों का वक्त लगा है. पंडाल के बीच में ऐसा दृश्य बनाया गया है, जिसमें एक बड़ी सी हांडी चूल्हे पर चढ़ी हुई है.
यहां हल्दी के महल में मां दुर्गा विराजित हैं. श्रद्धालुओं को ये दृश्य काफी मनोरम लगेगा. पूजा के बाद मसाला कंपनी के सहयोग से हल्दी को जरूरतमंद लोगों में बांट दिया जायेगा.
कमेटी के सचिव सोमनाथ दास ने कहा, जिस तरह हल्दी सभी नकारात्मकता को खत्म करती है उसी तरह हम भी इस पावन अवसर पर मां दुर्गा के समक्ष ये संकल्प लें कि अपनी सारी बुरी भावनाओं को खत्म करेंगे, अपने अंदर कभी नकारात्मक भाव नहीं लायेंगे.
पदाधिकारी
सचिव : सोमनाथ दास, अध्यक्ष : राजीव लोधा
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