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सवाल उठा रहे हैं व्यापारी, अवैध हॉकरों के आगे क्यों झुकती है सरकार?
कोलकाता : ज्वाइंट ट्रेडर्स फेडरेशन के सचिव राजीव सिंह व संयुक्त सचिव अशरफ अली ने प्रभात खबर से बातचीत में सवाल खड़ा किया कि एक व्यापारी तमाम तरह के टैक्स को अदा करते हुए अपना खून पसीना लगा कर दुकान खड़ी करता है. वहीं उसी की दुकान के सामने एक आदमी आता है और एक […]
कोलकाता : ज्वाइंट ट्रेडर्स फेडरेशन के सचिव राजीव सिंह व संयुक्त सचिव अशरफ अली ने प्रभात खबर से बातचीत में सवाल खड़ा किया कि एक व्यापारी तमाम तरह के टैक्स को अदा करते हुए अपना खून पसीना लगा कर दुकान खड़ी करता है. वहीं उसी की दुकान के सामने एक आदमी आता है और एक डाला लगा कर वही सामान बेचने लगता है, जो व्यापारी की दुकान में मिलता है.
उसकी कीमत भी कम होती. लिहाजा ग्राहक उनसे सामान खरीदते हैं और व्यापारी मन मारे ग्राहकों का इंतजार करता रहा है. हॉकरों की किसी तरह का टैक्स देने की मजबूरी नहीं होती. केवल पुलिस और स्थानीय दबंग की सेटिंग से ही सारी सुविधा उपलब्ध हो जाती है. सड़क खड़े बिजली के खंभे से हुकिंग करके मुफ्त में बिजली भी मिल जाती है.
उनकी वजह से व्यापारियों को हमेशा दिक्कत का सामना करना पड़ता है. बागड़ी मार्केट की घटना ताजा उदाहरण है, जहां हॉकर के डाले से लगी चिंगारी व्यपारियों को करोड़पति से खाकपति बना दी. आखिर सरकार की क्या मजबूरी है कि वह अवैध हॉकरों को काबू में नहीं कर पा रही है.
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