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पूजा के पहले ही खुशियों का विसर्जन
कोलकाता : अगले महीने दुर्गापूजा शुरू होने वाली है. बागड़ी मार्केट अग्निकांड ने पूजा के पहले ही कइयों की खुशियों का विसर्जन कर दिया. बागड़ी मार्केट से केवल सैकड़ों व्यवसायियों का ही नहीं, बल्कि उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों और इलाके के मुटिया-मजदूरों की रोजी-रोटी भी चलती है. इनकी तादाद भी सैकड़ों में है. […]
कोलकाता : अगले महीने दुर्गापूजा शुरू होने वाली है. बागड़ी मार्केट अग्निकांड ने पूजा के पहले ही कइयों की खुशियों का विसर्जन कर दिया. बागड़ी मार्केट से केवल सैकड़ों व्यवसायियों का ही नहीं, बल्कि उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों और इलाके के मुटिया-मजदूरों की रोजी-रोटी भी चलती है. इनकी तादाद भी सैकड़ों में है. ऐसे में अग्निकांड ने तमाम लोगों को जैसे झकझोर दिया है.
ना जाने अब का होई बाबूजी :
रात करीब ढाई बज रहा होगा. मजीबुद्दीन बागड़ी मार्केट के ठीक पास वाली इमारत के नीचे सो रहा था. लोगों की आवाज सुनकर वह जागा तो उसके होश उड़ गये. उसने देखा कि बागड़ी मार्केट से काला धुआं निकल रहा है. आग लपटें बाहर आ रही हैं. रह-रहकर विस्फोट हो रहा है. मजीबुद्दीन ने कहा वह अपना आधा जीवन इलाके में काट चुका है. वहां ऐसी आग लगेगी, उसने कभी सोचा नहीं था. बात के अंत मेें उसने एक बात कही की ना जाने अब का होइ बाबूजी (नहीं जाने अब क्या होगा बाबूजी). उसके जैसे कई मुटिया-मजदूरों की रोजी-रोटी का मार्केट जरिया है. ऐसे में रोजी-रोटी को लेकर वे आशंकित जरूर है. मुटिया का काम करने वाले मोहम्मद सलीम ने कहा कि बागड़ी मार्केट के दोनों ओर स्थित फूटपाथ के नीचे मुटिया-मजदूर सोते हैं. रात में लगी आग से जैसे दिल दहल उठा था.
और घंटों भटकते रहे वे
बागड़ी मार्केट कई लोगों की रोजी-रोटी का जरिया है. आग के बाद निशिता जैसे कई लोग वहां घंटो भटकते रहे. निशिता बागड़ी मार्केट स्थित टूर एंड ट्रैवल एजेंसी के कार्यालय में कार्यरत है. घटना के बाद से ही वह बागरी मार्केट के पास पहुंची. अंदर कई जरूरी फाइलें और कई ग्राहकों के दस्तावेज हैं. उसे लाने के लिये रातभर मशक्कत करती रही.
उसने कहा कि अग्निकांड पर काबू पाने में जुटे दमकल कर्मियों और पुलिस ने अंदर नहीं जाने दिया. निशिता ने कहा कि इस अग्निकांड से सैकड़ों लोगों की खुशियों पर जैसे ग्रहण लग गया है. बागड़ी मार्केट स्थित एक कार्यालय में काम करने वाले राहुल राय का कहना है कि घटना के बाद से ही वह मार्केट के नीचे है. रोजी-रोटी को लेकर अब आगे क्या होगा, उसे नहीं मालूम.
बिहार के रहने वाले मुटिया श्रमिक दिनेश कुमार ने बताया कि अल सुबह आग की लपटें बिल्डिंग से देख लोग भयभीत हो गये. गनीमत यह थी की वहां एकमात्र सुरक्षा गार्ड के सिवाय कोई भी नहीं रहता था. दमकल विभाग की ओर से सुबह हाइड्रोलिक सीढ़ी यहां लाया गया, परंतु किसी खराबी से उसका उपयोग नहीं हो सका. बागड़ी मार्केट के बी ब्लॉक के दुकानदार सुब्रत सरकार अपनी आखों के सामने आग की लपटों को उठता देख रहे थे. उन्होंने बताया कि सुबह से ही वह यहां मौजूद हैं. पूजा के समय इस तरह की घटना से वह पूरी तरह से हतप्रभ हैं.
टूटे खिलौने की तरह मैं भी हो गया अपंग
कोलकाता : किसी की आंखों के सामने उसके सपनों का महल जल जाये, तो उस पर क्या दर्द बीतती है, यह तो सिर्फ वही बयां कर सकता है. ऐसा ही दर्द बिहार के गया से वर्षों पहले व्यवसाय के सिलसिले में बंगाल आये व्यवसायी विनोद सिंह को महसूस हुआ, जब उनकी आंखों के सामने ही उनकी दुकान जलकर खाक हो गया. रोते हुए अपने जले हुए खिलौने की दुकान से एक खिलौना उठाया और उसके एक टूटे पैर को दिखाते हुए कहा कि मैं भी इस खिलौने की तरह अपंग हो गया. मेरा सब कुछ जल गया, मैं बरबाद हो गया.
बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट में स्थित बागरी मार्केट में लगी भीषण आग में विनोद का दुकान जलकर खाक हो गया. उसके खिलौने की दुकान थी. रोते हुए उसने कहा कि लाखों का मॉल था, सब जलकर खाक हो गया. हर साल पूजा में परिवार से मिलने की आस लेकर काफी कुछ लेकर गया अपने गांव जाता हूं लेकिन इस बार क्या लेकर जाऊंगा. मेरा सपना तो यहीं जलकर खाक हो गया. यही नहीं इसी तरह से कईयों का दुकान जलकर खाक हो गये.
भगवान का लाख शुक्र है जो बच गया
भगवान का लाख शुक्र है जो इधर आग नहीं फैली. बागरी मार्केट में इमिटेशन दुकान के एक व्यवसायी संजय रूईया ने कहा कि आग इधर नहीं फैली है लेकिन फैलने की सम्भावना है, जिस कारण से दुकान से सामान सब निकाल कर अलग कर रहे है.
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