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ऐसी थी सोमनाथ चटर्जी की शख्सीयत

रांची : लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी जाने-माने कानूनविद थे. वर्ष 1971 से 2009 तक सोमनाथ चटर्जी 10 बार लोकसभा के सांसद चुने गये. इस दौरान जाधवपुर लोकसभा क्षेत्र से 1984 में केवल एक बार उन्हें ममता बनर्जी से हार का सामना करना पड़ा था. यह भी पढ़ लें लोकसभा […]

रांची : लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी जाने-माने कानूनविद थे. वर्ष 1971 से 2009 तक सोमनाथ चटर्जी 10 बार लोकसभा के सांसद चुने गये. इस दौरान जाधवपुर लोकसभा क्षेत्र से 1984 में केवल एक बार उन्हें ममता बनर्जी से हार का सामना करना पड़ा था.

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25 जुलाई, 1929 को जन्मेसोमनाथ चटर्जी वर्ष 1968 में सीपीआइ (एम) में शामिल हुए थे और वर्ष 2008 में पार्टी से निकाले जाने तक इसी पार्टी में रहे. सीपीएम ने यूपीए-1 सरकार के कार्यकाल में अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर उन्हें लोकसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा, लेकिन सोमनाथ चटर्जी ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया. इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.

सोमनाथ चटर्जी ने ब्रिटेन के मिडल टेंपल से बैरिस्टर की पढ़ाई की थी. उनके पिता एनसी चटर्जी हिन्दू महासभा से जुड़े थे. 1971 में पहली बार अपने पिता के निधन से खाली हुई लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा. पश्चिम बंगाल के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से चटर्जी चुनाव लड़ते रहे. इनमें बर्दवान, बोलपुर और जाधवपुर शामिल हैं. ममता बनर्जी ने 1984 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सोमनाथ चटर्जी को पटखनी दी थी. ममता ने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था.

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सभी पार्टियों के लोग उनका आदर करते थे. वह कई संसदीय समिति के सदस्य रहे. वर्ष 1996 में उन्हें बेहतरीन सांसद का अवॉर्ड मिला. लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर भी सोमनाथ चटर्जी की तारीफ होती थी. सक्रिय राजनीति से अलग होने के बाद चटर्जी राजनीतिक हालात पर बेबाक टिप्पणी करते थे.

ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता को लेकर सोमनाथ चटर्जी ने सीपीएम को आगाह किया था और आखिरकार ममता ने वर्ष 2011 में सीपीएम को सत्ता से उखाड़ फेंका. चटर्जी ने प्रकाश करात के नेतृत्व वाली सीपीएम की भी आलोचना की थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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