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कोलकाता : परीक्षकों की चयन प्रक्रिया केंद्रीकृत होगी
स्कूलों को शिक्षकों का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर देना होगा कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कई आइसीएसइ स्कूलों को काउंसिल की ओर से निर्देश दिया गया है कि वे अपने सभी शिक्षकों का डाटा अपडेट करें. काउंसिल चाहती है कि शिक्षकों का पूरा विवरण उसके पास रहे, ताकि अगले साल से आइसीएसइ व आइएससी परीक्षा […]
स्कूलों को शिक्षकों का पूरा ब्योरा वेबसाइट पर देना होगा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कई आइसीएसइ स्कूलों को काउंसिल की ओर से निर्देश दिया गया है कि वे अपने सभी शिक्षकों का डाटा अपडेट करें. काउंसिल चाहती है कि शिक्षकों का पूरा विवरण उसके पास रहे, ताकि अगले साल से आइसीएसइ व आइएससी परीक्षा के परीक्षकों को काउंसिल ही सीधे चयन करे.
काउंसिल ने यह फैसला किया है कि आइसीएसइ व आइएससी परीक्षकों के चयन की प्रक्रिया केंद्रीकृत हो. इससे परीक्षा की समस्त प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी. देश के सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष नजर रखी जा रही है. स्कूलों में शिक्षक किस क्राइटेरिया पर पढ़ा रहे हैं.
उनकी शैक्षणिक योग्याता पूरी है कि नहीं, इसकी समस्त जानकारी काउंसिल को देनी होगी. इसके पीछे लक्ष्य यही है कि गुणवत्तापरक शिक्षा के मामले में पारदर्शिता बरती जाये व शिक्षक-शिक्षिकाओं की, निर्धारित क्राइटेरिया के आधार पर ही नियुक्ति की जाये. इस विषय में काउंसिल के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूलों को अपने डाटा अपडेट करने के लिए कहा गया है. सर्वे से पता चला है कि कुछ स्कूलों ने काउंसिल के निर्देशों का उल्लंघन किया है. स्कूलों को यह बोला गया था कि वे अपने सभी शिक्षकों के वेतन का पूरा ब्याैरा प्रिंसिपल पोर्टल पर भेजें.
गाैरतलब है कि कुछ शिक्षकों ने यह शिकायत की थी कि कुछ स्कूलों में शिक्षक पूरी तरह क्वालीफाइड नहीं है या स्कूल उनको निर्धारित वेतन से कम वेतन ही दे रहे हैं. इसी पर फोकस करते हुए नये सुझाव काउंसिल ने भेजे हैं. इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन्स (सीआइएससीइ) काउंसिल द्वारा एफिलियेटेड स्कूलों को अपने शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर 31 जुलाई तक अपडेट करने के लिए कहा गया है.
इसमें प्रत्येक कर्मचारी की शैक्षणिक योग्यता, पढ़ाने का अनुभव व उनके आधार का नंबर देने के लिए कहा गया है. अभी तक काफी स्कूलों ने इसको अपडेट नहीं किया है. महानगर के लगभग 125 स्कूल काउंसिल से जुड़े हैं. इसमें डाटा अपडेशन प्रक्रिया कुछ समय पहले ही शुरु की गयी है. स्कूलों के पास पर्याप्त समय है कि वे इसकी जानकारी अपडेट करें. निर्धारित तिथि तक जो स्कूल इसको पूरा नहीं कर पायेंगे, उनको बाद में दंड शुल्क देकर यह टास्क पूरा करना होगा.
शिक्षकों का बीएड. होना अनिवार्य है. काउंसिल के अधिकारी का कहना है कि ऑनलाइन डाटा अपडेशन प्रणाली को इस तरह तैयार किया गया है कि वही सूचना स्वीकार की जायेगी, जो काउंसिल की क्राइटेरिया पर सही होगी. स्कूलों को नियमानुसार शिक्षकों का वेतन सीधे बैंक खाते में ही देना है. कई स्कूल अपने शिक्षकों का आधार नंबर भी काउंसिल में नहीं दे पाये हैं.
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