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तृणमूल में शामिल हो सकते हैं कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता

कोलकाता : राज्य में सांगठनिक ताकत से जूझ रही कांग्रेस को गुरुवार को उस वक्त झटका लगा जब पार्टी के दो वरिष्ठ नेता तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चट्टोपाध्याय से मिलने घर पहुंचे. इस मुलाकात से राजनीति हलचल तेज हो गयी है, साथ ही कांग्रेसी नेताओं के तृणमूल कांग्रेस का दामन थामने के कयास भी […]

कोलकाता : राज्य में सांगठनिक ताकत से जूझ रही कांग्रेस को गुरुवार को उस वक्त झटका लगा जब पार्टी के दो वरिष्ठ नेता तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चट्टोपाध्याय से मिलने घर पहुंचे. इस मुलाकात से राजनीति हलचल तेज हो गयी है, साथ ही कांग्रेसी नेताओं के तृणमूल कांग्रेस का दामन थामने के कयास भी लगाये जा रहे हैं. हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
सूत्रों के अनुसार गुरुवार को कांग्रेस के सांसद अबु हाशेम खान चौधरी और विधायक मोइनुल हक तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चट्टोपाध्याय के आवास पहुंचे. वापसी के दौरान संवाददाताओं ने जब अबू हाशेम खान चौधरी से मुलाकात के कारण के विषय में पूछा तो उन्होंने कहा कि पूरे देश की तरह राज्य में भी भाजपा को रोकना प्रधान लक्ष्य है. भाजपा को रोकने के लिये विपक्षी दलों का मोरचा तैयार करने की कवायद हो रही है.
ऐसे में राज्य में भाजपा को रोकने के लिये विपक्षी दलों की एकजुटता अहम है. इसी मसले पर तृणमूल कांग्रेस के नेता से चर्चा हुई. उनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के प्रश्न का उन्होंने स्पष्ट रूप से उत्तर नहीं दिया. इधर कांग्रेस विधायक मोइनुल हक ने भी मुलाकात के कारण के विषय में पूछे जाने पर कहा कि वे राज्य में भाजपा को रोके जाने को लेकर प्रस्तावित मोरचा के बारे में चर्चा करने आये थे. साथ ही अबु हाशेम खान चौधरी ने किसी स्कूल संबंधित मुद्दे को लेकर भी चर्चा की.
राज्य के शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्थ चट्टोपाध्याय से कांग्रेसी नेताओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हर दिन उनसे मिलने कई लोग आते हैं. इसमें नया नहीं है. इधर तृणमूल कांग्रेस की ओर से 21 जुलाई को होने वाली सभा के दौरान दोनों कांग्रेसी नेताओं को आमंत्रित किये जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि उन्हें आमंत्रित किया ही जा सकता है. कांग्रेसी नेताओं के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के प्रश्न पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से 21 जुलाई को आयोजित की जाने वाली सभा काफी महत्वपूर्ण होती है. इसी दिन तृणमूल कांग्रेस में नये चेहरे के शामिल होने की संभावना भी रहती है. ऐसे में वक्त ही बतायेगा कि क्या दोनों कांग्रेसी नेता तृणमूल कांग्रेस का दामन थामेंगे या नही.
राज्य में भाजपा को रोकने के लिये तृणमूल-कांग्रेस गंठबंधन व प्रस्तावित मोरचा बनाये जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चट्टोपाध्याय से दो कांग्रेसी नेताओं द्वारा की मुलाकात के बारे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन से पूछे जाने पर उन्हों‍ने स्पष्ट कह दिया कि पार्टी की ओर से उपरोक्त मसले के विषय में विचार-विमर्श करने व फैसला लेने की अनुमति प्रदेश कांग्रेस के किसी भी नेताओं को नहीं दी गयी है. गंठबंधन या अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर फैसला आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी और पार्टी नेतृत्व करते हैं. तृणमूल कांग्रेस और दो कांग्रेसी नेताओं की मुलाकात से प्रदेश कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है.

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