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किडनी रैकेट: प्राथमिक जांच में अस्पताल से मिले आंकड़ों से हैरान है पुलिस, एक वर्ष में किया 500 किडनी ट्रांसप्लांट

कोलकाता: इएम बाइपास के आनंदपुर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल की मदद से चल रहे किडनी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इस सिलसिले में एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में बैद्यनाथ बर्मन, ज्योत्सना बर्मन, तेहारुल इस्लाम और अशफाक अहमद को गिरफ्तार किया गया […]

कोलकाता: इएम बाइपास के आनंदपुर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल की मदद से चल रहे किडनी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इस सिलसिले में एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में बैद्यनाथ बर्मन, ज्योत्सना बर्मन, तेहारुल इस्लाम और अशफाक अहमद को गिरफ्तार किया गया है.

अशफाक किडनी रैकेट का सरगना है. वह पोर्ट इलाके के खिदिरपुर का रहनेवाला है. गिरफ्तार तीन अन्य किडनी डोनर हैं और उत्तर दिनाजपुर के निवासी हैं. आरोपियों को अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें छह दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. आरोपियों के पास से नकली वोटर कार्ड, आधार कार्ड और कुछ मेडिकल कागजात जब्त किये गये हैं.पुलिस पूछताछ कर रैकेट से जुड़े चिकित्सकों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. जानकारी के अनुसार, अस्पताल ने एक साल में 500 लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट किया है.

कैसे हुआ किडनी रैकेट का खुलासा
पुलिस के मुताबिक, सूचना मिली थी कि पटना से ड्रग्स के साथ कुछ लोग कोलकाता आने वाले हैं. इस जानकारी के बाद कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार के नारकोटिक्स रोधी विभाग की टीम ने हावड़ा स्टेशन पर संदिग्धों की निगरानी शुरू की. शुक्रवार को चार लोगों का संदेह के आधार पर पीछा किया गया और आनंदपुर में उन्हें 360 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने आरोपियों के पास मौजूद सामान के अलावा कागजात की जांच की तब पता चला कि वे किडनी दान करने आये हैं. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि गिरफ्तार अशफाक अहमद किडनी रैकेट का लीडर है, जबकि अन्य तीन डोनर (किडनी दानकर्ता) हैं. ड्रग्स का धंधा चलाने के अलावा अशफाक किडनी रैकेट भी चलाता है.
सात से आठ लाख में बेचते थे एक किडनी
आरोपी अशफाक ने पुलिस को बताया कि वह सात से आठ लाख रुपये में एक किडनी बेचता था. किडनी डोनेट करने वाले को तीन से चार लाख रुपये दिये जाते थे. जबकि वह खुद व ऊपरी स्तर के लोग बाकी रुपये रख लेते थे. यह उसकी पहली डिलिंग नहीं थी. इसके पहले भी वह कई लोगों से आनंदपुर के अस्पताल में किडनी डोनेट करवा चुका है. पुलिस अगर उसे नहीं पकड़ती तो गिरफ्तार तीन लोगों का भी किडनी मेडिकल जांच के बाद डोनेट करवा देता.
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (5) सह संयुक्त आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने बताया कि जिस अस्पताल में ये लोग किडनी डोनेट कराने वाले थे, उसके प्रबंधन से इस बारे में कुछ जानकारी मांगी गयी है. कुछ जानकारी पुलिस को अस्पताल की तरफ से मिली भी है. स्वास्थ विभाग को इस संबंध में रिपोर्ट भेजी जायेगी. इसके बाद स्वास्थ विभाग आगे की कार्रवाई करेगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल की ओर से सूचना दी गयी है कि एक साल में वहां 500 लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इतनी बड़ी संख्या में किडनी ट्रांसप्लांट की सूचना से रैकेट का संदेह गहरा गया है.

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