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तिराट में बालू लदे वाहनों की आवाजाही पर उबाल

सड़क पर ग्रामीण

सड़क पर ग्रामीण हाड़ा भांगा पुल के जर्जर होने से यातायात बाधित होने का खतरा रानीगंज. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश के बावजूद रानीगंज के हाड़ा भांगा, तिराट, डमालिया और आसपास के इलाकों में भारी बालू गाड़ियों के लगातार परिचालन से नाराज स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. गुरुवार को उन्होंने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और चक्का जाम कर दिया.प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक इन इलाकों से बालू गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से बंद नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. स्थानीय निवासियों ने बताया कि भारी वाहनों की वजह से गांव की सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रही हैं और आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है. इस संबंध में कई बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.इसके चलते आज लोगों को मजबूर होकर सड़क जाम करना पड़ा. ग्रामीणों ने इस बात पर भी चिंता जताई कि इन बालू गाड़ियों के लगातार परिचालन के कारण रानीगंज आने-जाने के लिए महत्वपूर्ण एक पुल भी जर्जर हो चुका है.उनका कहना है कि यह समस्या पिछले चार वर्षों से बनी हुई है और प्रशासन की उदासीनता के कारण स्थिति और खराब होती जा रही है. स्थानीय रमाशंकर सिंह ने आक्रोश जताया कि यहां 16 चक्के की बालू से लदी ओवरलोडेड गाड़ियां चलती हैं, जिससे पुल टूटने की कगार पर पहुंच गया है.उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पुल टूट गया तो इलाके के लोगों के लिए रानीगंज आना-जाना बहुत मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें बालू घाट के संचालन से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे गांव के रास्तों पर भारी वाहनों का परिचालन बंद करवाना चाहते हैं, क्योंकि इससे धूल उड़ती है और दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. श्री सिंह ने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन और वीडियो (ग्राम विकास अधिकारी) को कई बार शिकायत की गई है और वीडियो ने भी उच्चधिकारियों को मामले से अवगत कराया है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभी तक बालू गाड़ियों का परिचालन बंद नहीं हुआ है. तिराट ग्राम अंचल के टीएमसी उपाध्यक्ष प्रकाश चौहान ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बालू माफियाओं की मिलीभगत से यहां दिन-रात भारी बालू गाड़ियों का परिचालन हो रहा है. 12 चक्का और 16 चक्का की ओवरलोडेड गाड़ियां धड़ल्ले से चल रही हैं.उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि यहां स्थित पुल कमजोर हो चुका है और अगर वह टूट गया तो हाड़ाभांगा, तिराट, चेलोद जैसे इलाकों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. श्री चौहान ने कहा कि यदि कोई बीमार भी हो जाता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि सड़कों पर हर समय बालू गाड़ियां चलती रहती हैं.उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बालू माफिया बाहरी राज्यों के चालान का इस्तेमाल करके यहां से अवैध रूप से बालू निकाल रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन से कई बार गुहार लगाने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं निकला, तो आज मजबूरी में लोगों को प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

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