बर्दवान/पानागढ़. पूर्व बर्दवान जिले के रेलवे कॉलोनी विद्यापीठ स्कूल से सटी रेलवे की भूमि पर वर्षों से अतिक्रमण कर रहे बस्तीवासियों को हटाने के लिए रेल प्रशासन हरकत में आ गया है. हालांकि गुरुवार को अतिक्रमण हटाओ कार्यक्रम किसी कारणवश रद्द हो जाने से इलाके के लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. लेकिन रेल प्रशासन रेलवे भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए पूरी तरह गोलबंद हो चुका है. बस्तीवासियों ने की सांसद से गुहार
इस मुद्दे को लेकर बस्ती के लोगों ने बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा के सांसद कीर्ति आजाद से गुहार लगायी है. कीर्ति आजाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे बस्तीवासियों के साथ हैं और उनकी पुनर्वास की मांग को लेकर केंद्रीय रेल मंत्रालय से बातचीत करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि विस्थापन से पहले बस्तीवासियों को कहीं और बसाना अनिवार्य है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब ये लोग पचास सालों से यहां रह रहे हैं तो इतने वर्षों तक रेलवे क्या कर रही थी.
गुरुवार को प्रस्तावित अतिक्रमण हटाओ कार्यक्रम भले रद्द हो गया हो, लेकिन बस्तीवासियों के सिर पर रेलवे की कार्रवाई की तलवार अब भी लटक रही है. बस्ती के लोगों का कहना है कि जब तक उनके पुनर्वास की व्यवस्था नहीं होती, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. रेलवे द्वारा अतिक्रमणकारियों को पहले भी कई बार नोटिस दिया गया है. लेकिन बस्तीवालों का कहना है कि वे लोग इस जगह पर पिछले 40-50 वर्षों से रह रहे हैं. उनके पास मतदाता कार्ड, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज हैं जिनमें इस पते का उल्लेख है. यहां के बच्चे स्थानीय स्कूलों में पढ़ते हैं. उनका सवाल है कि अब वे लोग कहां जायेंगे. उनका कहना है कि पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाये, फिर अतिक्रमण हटाया जाये.
स्थानीय तृणमूल नेता शिवशंकर घोष ने भी कहा है कि वे बस्तीवासियों के साथ खड़े हैं. वहीं, बर्दवान आरपीएफ पोस्ट के निरीक्षक रूपेश कुमार ने बताया कि गुरुवार का अतिक्रमण हटाओ कार्यक्रम फिलहाल रद्द कर दिया गया है.
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