बांकुड़ा. जिले में उमस भरी गर्मी और ताप प्रवाह के चलते लोगों का जनजीवन प्रभावित है. पर्यटन केंद्रों में गर्मी का असर. यद्यपि बैशाख की शुरुआत काफी ठंडी थी, लेकिन दूसरे सप्ताह में भीषण गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया. परिणामस्वरूप बांकुड़ा में गर्मी बढ़ती जा रही हैबुधवार को बांकुड़ा में दोपहर में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक हो गया भूजल स्तर गिरना शुरू हो गया हैपरिणामस्वरूप, जिले के कई हिस्सों में गांवों के ट्यूबवेलों में पानी उपलब्ध नहीं है इससे जिले के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरी ओर, भीषण गर्मी जारी रहने के कारण जिले के पर्यटन केंद्रों पर भी भयावह दृश्य देखने को मिल रहा है परिणामस्वरूप, होटल मालिकों और छोटे व्यवसाय मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है पर्यटन क्षेत्र से जुड़े छोटे और बड़े व्यवसायों ने अपनी दुकानें बंद करनी शुरू कर दी हैंजिले के प्रमुख पर्यटन केन्द्र शुशुनिया और बिहारीनाथ हिल्स के साथ-साथ झिलिमिली, मुकुटमणिपुर और टेराकोटा शहर बिष्णुपुर भी इस गर्मी की लहर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बुधवार की सुबह 10 बजे के बाद जारी भीषण गर्मी एवम लू के थपेड़ों के कारण शुशुनिया और बिहारीनाथ पहाड़ियों पर पर्यटकों का आना लगभग बंद हो गया है तेज धूप में शुशुनिया पर्वत की चट्टानें बेहद गर्म हो रही हैं हाल ही में पहाड़ पर लगे पेड़ों का एक हिस्सा आग से जल गया. स्थानीय लोग मानते हैं कि इस घटना का असर पर्यटकों पर भी पड़ सकता है. इससे सुसुनिया के पत्थर कारीगरों के लिए अत्यधिक समस्याएं पैदा हो गयी हैं वे जल्द ही बारिश की उम्मीद कर रहे हैं. सुसुनिया के कलाकारों के अनुसार, अत्यधिक गर्मी के कारण वे काम नहीं कर पा रहे हैं इससे आय कम हो गई है शुशुनिया में पर्यटकों के आगमन में कमी का असर यहां के पर्यटक आवास और मिठाई की दुकानों पर भी पड़ा है लॉज और होटल मालिकों तथा मिठाई व्यापारियों का कहना है कि उनकी आय में भारी कमी आयी है. बिहारीनाथ में भी यही प्रभाव महसूस किया गया है कुछ पर्यटक धार्मिक कारणों से पूरे वर्ष यहां आते हैं हालाँकि, इस पर्वत पर आने वाले पर्यटकों की संख्या शुशुनिया की तुलना में कम है गर्मी में भी वे पर्यटक नजर नहीं आते मंदिरों के शहर बिष्णुपुर में भी स्थिति ऐसी ही है। होटल खाली हैं. टेराकोटा वस्तुओं, शंख और लकड़ी की वस्तुओं की बिक्री में काफी कमी आई है खाद्य दुकानदारों का कहना है कि इस भीषण गर्मी से वे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं केवल पर्यटक नहीं आ रहे हैं, बल्कि स्थानीय निवासी भी बहुत कम संख्या में आ रहे हैं सोनामुखी में भी यही स्थिति है. हरनाथ कुसुमकुमारी मंदिर पर्यटकों से खाली है झिलिमिलि और मुकुटमणिपुर में भी स्थिति ऐसी ही है मुकुटमणिपुर में कांग्साबती जलाशय, छोटी-बड़ी पहाड़ियां, हिरण पार्क और पहाड़ी की चोटी पर स्थित परेशनाथ शिव मंदिर को देखने के लिए साल भर कई पर्यटक यहां आते हैं अब यह पर्यटकों से लगभग खाली हो चुका है। कोई भी पर्यटक जलाशय में नाव में सौर तक नहीं कर रहा .नाव चालकों को आय में कमी का सामना करना पड़ रहा है उनका कहना है कि इस गर्मी में भले ही बहुत कम पर्यटक आए हैं, लेकिन वे नौकायन में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं हर कोई काल बैसाखी का आह्वान कर रहा है ताकि सारी समस्याएं दूर हो जाएं.लू के चलते शहर वासियों का दिन में निकलना दूभर हो गया है. विशेष रूप से स्कूल के छात्र छात्राओं को भी भीषण गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. दोपहर होते ही शहर के गलियारे सुनसान नजर आ रहे है. ड्यूटी में जाने वाले लोगोंको से लेकर पुलिस कर्मियो को भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही है.
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